शोभना शर्मा। भारत-पाक सीमा पर पिछले कुछ दिनों से जारी तनाव के बाद अब सरहदी जिला बाड़मेर में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होती नजर आ रही है। ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद हुई सीजफायर घोषणा के बाद जनजीवन फिर से पटरी पर लौट रहा है। बाजारों की रौनक और स्कूल-कॉलेजों के खुलने से आम नागरिकों में आशा और स्थिरता का भाव देखने को मिल रहा है।
मंगलवार को बाड़मेर जिले में अधिकतर बाजार और शिक्षण संस्थान पूरी तरह खुले। स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों की वापसी हुई और अध्यापक भी शिक्षण कार्य में जुट गए। लोगों का कहना है कि पिछली रात बिना किसी भय के सामान्य रही और पहली बार कई दिनों बाद ऐसा महसूस हुआ कि हालात नियंत्रण में हैं।
कलेक्टर टीना डाबी ने दिए शिक्षण संस्थाएं खोलने के आदेश
बॉर्डर के हालात में सुधार को देखते हुए सोमवार देर शाम बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी ने एक आदेश जारी कर जिले की सभी शिक्षण संस्थाओं को पुनः खोलने की अनुमति दे दी। इस आदेश के बाद मंगलवार सुबह से ही स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति दिखने लगी। लंबे समय तक बंद रहने के बाद शिक्षण संस्थाओं में जीवन की वापसी देखी गई।
कलेक्टर टीना डाबी के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने पिछले कुछ दिनों में हालात पर बारीकी से नजर रखते हुए समय पर सूचनाएं जारी कीं और आवश्यकतानुसार निर्णय लिए। प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रबंधन एजेंसियों की साझा तत्परता ने इस अस्थिर माहौल में भी आम नागरिकों को राहत और विश्वास प्रदान किया।
ब्लैकआउट नहीं हुआ लागू, बाजारों में लौटी रौनक
बाड़मेर में सोमवार रात को किसी भी प्रकार का ब्लैकआउट लागू नहीं किया गया, जिससे लोगों को सामान्य स्थिति का आभास हुआ। सुबह होते ही बाजारों में दुकानें खुलीं, लोगों की आवाजाही बढ़ी और हर तरफ सामान्य जनजीवन दिखने लगा।
स्थानीय नागरिकों ने कहा कि उन्हें कई दिनों से यह स्पष्ट नहीं था कि कब बाजार खुलेंगे और ब्लैकआउट हटेगा। लेकिन मंगलवार की सुबह स्पष्ट कर गई कि अब स्थिति नियंत्रण में है। लोगों ने प्रशासन की भूमिका की सराहना की और कहा कि बाड़मेर जैसे सीमावर्ती क्षेत्र के लोग साहसी और जागरूक होते हैं। कुछ लोगों ने यहां तक कहा कि उन्हें अगर मौका मिले तो वे दुश्मन देश को भी मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार हैं।
स्कूलों में लौटी चहल-पहल, परीक्षाओं की तैयारी तेज
शिक्षण संस्थाएं खुलने के बाद विद्यालयों में चहल-पहल लौट आई है। छात्र-छात्राएं स्कूलों में लौटने लगे हैं और शिक्षकों ने भी आगामी परीक्षाओं की तैयारियां शुरू कर दी हैं। अगले दो दिनों में कक्षा 9वीं और 11वीं की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। साथ ही, परीक्षाओं के परिणाम भी तैयार किए जा रहे हैं।
विद्यालय प्रशासन और शिक्षकों के सामने अब समय पर परीक्षाएं कराना और परिणाम घोषित करना एक बड़ी जिम्मेदारी बन गई है। बच्चों की पढ़ाई में हुई बाधा को देखते हुए स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाएं और अभ्यास सत्र आयोजित किए जा रहे हैं ताकि छात्रों को अधिक से अधिक सहयोग मिल सके।
स्थानीय लोगों का आत्मविश्वास, प्रशासन की भूमिका सराहनीय
बाड़मेर के नागरिकों ने कहा कि संकट के समय प्रशासन ने जिस तरह से संयम और सक्रियता दिखाई, वह सराहनीय है। कलेक्टर टीना डाबी की सूचनाएं, समय पर आदेश और जनता से सीधे संवाद ने अनावश्यक अफवाहों और डर को दूर किया।
स्थानीय व्यापारी वर्ग, अभिभावक और शिक्षकों ने प्रशासन की व्यवस्था को लेकर संतोष जताया और कहा कि यदि इसी तरह स्थिति नियंत्रित बनी रही, तो बहुत जल्द जिले में सभी कार्य और गतिविधियां पूर्ववत हो सकेंगी।