शोभना शर्मा। राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की ओर से डिप्टी कमांडेंट (गृह रक्षा विभाग) के चार पदों पर निकाली गई भर्ती में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आयोग की रेंडम जांच में यह उजागर हुआ है कि जिन पदों के लिए अनिवार्य योग्यता सेना से सेवानिवृत्त कैप्टन (Ex-Army Captain) होना थी, उनमें 10 हजार से अधिक अपात्र उम्मीदवारों ने आवेदन कर दिया है।
अब आयोग ने ऐसे सभी अभ्यर्थियों को चेतावनी देते हुए 13 मई से 28 मई 2025 तक अपने आवेदन विड्रॉ करने का अंतिम मौका दिया है। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि यदि इस अवधि में आवेदन वापस नहीं लिया गया तो संबंधित अभ्यर्थी को भविष्य में आयोग की किसी भी परीक्षा से डिबार कर दिया जाएगा और उस पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 217 के अंतर्गत कानूनी कार्यवाही भी की जा सकती है।
कैसे सामने आया फर्जीवाड़ा
आयोग सचिव रामनिवास मेहता ने जानकारी देते हुए बताया कि डिप्टी कमांडेंट के 4 पदों के लिए 18 मार्च 2025 को भर्ती विज्ञापन जारी किया गया था। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 22 अप्रैल 2025 रखी गई थी। यह पद अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षित थे, और सबसे महत्वपूर्ण शर्त यह थी कि अभ्यर्थी को सेना से सेवानिवृत्त कैप्टन होना अनिवार्य था।
विज्ञापन में इस योग्यता का स्पष्ट उल्लेख होने के बावजूद बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थियों ने आवेदन कर दिया, जो इस योग्यता को नहीं रखते। आयोग द्वारा रेंडम आधार पर राज्य के सभी जिलों से कुछ आवेदनों की जांच की गई, और उन्हीं के आधार पर यह गड़बड़ी उजागर हुई।
आयोग की वेबसाइट पर सूची जारी
ऐसे अपात्र आवेदकों की सूची आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दी गई है। इसमें उन आवेदनों को चिन्हित किया गया है, जिनमें योग्यता नहीं होते हुए भी आवेदन किया गया है। आयोग ने यह भी कहा कि यह जांच रेंडम आधार पर की गई है, लेकिन इससे स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि बड़ी संख्या में फर्जी आवेदन किए गए हैं।
पहले भी दिया गया था मौका, फिर भी जारी रहा फर्जीवाड़ा
यह पहला मौका नहीं है जब आयोग ने अभ्यर्थियों को सुधार का अवसर दिया हो। इससे पहले भी 25 अप्रैल से 9 मई 2025 तक ऐसे अभ्यर्थियों के लिए आवेदन विड्रॉ करने का लिंक खोला गया था। लेकिन उसके बावजूद भी हजारों अपात्र उम्मीदवार आवेदन सूची में बने हुए हैं।
अब 13 मई से 28 मई 2025 तक फिर से एक आखिरी अवसर प्रदान किया गया है। इस दौरान वे अभ्यर्थी जो आवश्यक योग्यता नहीं रखते, अपना आवेदन विड्रॉ कर सकते हैं।
आयोग का स्पष्ट संदेश: अब बख्शा नहीं जाएगा
आयोग ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि बिना योग्यता आवेदन करना न केवल प्रक्रिया का उल्लंघन है, बल्कि इससे आयोग के श्रम, समय और संसाधनों का भी दुरुपयोग होता है। ऐसे में अब किसी भी तरह की लापरवाही या छल को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।
जो अभ्यर्थी आवेदन विड्रॉ नहीं करेंगे, उन्हें न केवल भविष्य में आयोग की सभी परीक्षाओं से डिबार किया जाएगा, बल्कि उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (IPC) 2023 की धारा 217 के अंतर्गत असत्य वचन पत्र प्रस्तुत करने के लिए कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। यह धारा शासकीय प्रक्रिया में झूठे बयान देने पर सजा का प्रावधान करती है।
योग्य अभ्यर्थी प्रमाण पत्र जरूर अपलोड करें
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो अभ्यर्थी वास्तव में सेना से सेवानिवृत्त कैप्टन हैं, वे अपने सेवानिवृत्ति प्रमाण पत्र को ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करें। इससे उनकी पात्रता की पुष्टि हो सकेगी और उनका आवेदन वैध माना जाएगा।