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RGHS फर्जीवाड़े पर सरकार का शिकंजा, SMS अलर्ट से क्लेम होंगे पारदर्शी

RGHS फर्जीवाड़े पर सरकार का शिकंजा, SMS अलर्ट से क्लेम होंगे पारदर्शी

शोभना शर्मा। राजस्थान सरकार ने राज्य के पेंशनर्स के लिए संचालित राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (RGHS) में लगातार सामने आ रहे फर्जीवाड़ों पर अब सख्त रुख अपना लिया है। योजना के तहत दी जा रही कैशलेस चिकित्सा सुविधा का लाभ कुछ लोगों द्वारा गलत तरीके से उठाया जा रहा था। इसके चलते अब सरकार ने एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसमें पेंशनर के RGHS कार्ड से संबंधित हर भुगतान की जानकारी अब SMS के माध्यम से सीधे पेंशनर के मोबाइल पर भेजी जाएगी।

इस प्रणाली के लागू होने के बाद यदि किसी पेंशनर के नाम पर फर्जी या अनधिकृत क्लेम किया जाता है, तो उसे तुरंत जानकारी मिल जाएगी और वह तुरंत शिकायत दर्ज करा सकेगा। यदि शिकायत दर्ज नहीं की जाती है, तो इसे पेंशनर की सहमति मान लिया जाएगा।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में किया खुलासा

सोमवार को राज्य वित्त विभाग ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए RGHS योजना में हाल ही में किए गए सुधारों की जानकारी दी। इस दौरान विभाग ने पेंशनर्स से सीधे संवाद कर उनकी राय भी जानी।

सम्मेलन में सामने आया कि पिछले कुछ महीनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें कुछ अस्पतालों और फार्मेसियों ने बिना कोई सेवा दिए, पेंशनर से केवल OTP लेकर बड़े क्लेम उठाए। इससे न केवल सरकारी धन की हानि हुई, बल्कि योजना की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े हुए।

शासन सचिव का बड़ा बयान: कुछ पेंशनर्स भी दोषी

वित्त विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने इस अवसर पर खुलासा किया कि केवल अस्पताल या दवा विक्रेता ही नहीं, बल्कि कुछ पेंशनर्स भी इस योजना का गलत लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुछ मामलों में गैर-पात्र व्यक्तियों के लिए दवाइयां ली गईं, या साल के अंत में बिना किसी मेडिकल हिस्ट्री या जाँच के महंगे इंजेक्शन और दवाइयां क्लेम की गईं।

नवीन जैन ने चेतावनी देते हुए कहा, “अब सरकार सतर्क है। यदि पेंशनर्स ने योजना का दुरुपयोग किया, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह योजना आपकी है, इसे ईमानदारी से इस्तेमाल करें ताकि इसकी सुविधा बरकरार रह सके।”

कैसे काम करेगा SMS अलर्ट सिस्टम?

नई व्यवस्था के तहत अब RGHS योजना में पेंशनर के नाम पर जब भी कोई क्लेम किया जाएगा — चाहे वह IPD, OPD या फार्मेसी से संबंधित हो — उसकी संपूर्ण जानकारी तुरंत SMS के जरिए पेंशनर के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेज दी जाएगी।

इस अलर्ट में क्लेम की गई राशि, सुविधा का विवरण और अस्पताल/दवा दुकान का नाम शामिल होगा। अगर पेंशनर को लगे कि यह भुगतान उसने नहीं कराया, या कोई सेवा नहीं ली गई, तो वह तुरंत हेल्पलाइन नंबर 181 पर शिकायत दर्ज कर सकता है।

अस्पताल और फार्मेसी पर भी निगरानी

नवीन जैन ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई अनुमोदित अस्पताल या फार्मेसी पेंशनर को इलाज देने या दवा देने से मना करता है, तो इसकी शिकायत भी तुरंत हेल्पलाइन पर की जाए। सरकार ने निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी स्थिति में अधिकृत पेंशनर को सुविधा से वंचित न किया जाए।

पारदर्शिता के लिए पेंशनर्स की भागीदारी जरूरी

राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि योजना की सफलता और पारदर्शिता केवल सरकारी कदमों से संभव नहीं है। इसके लिए पेंशनर्स की भागीदारी भी बेहद जरूरी है।

नियमों का पालन, SMS की निगरानी और शिकायत की तत्परता — यही तीन तरीके हैं जिससे योजना को बचाया और बेहतर बनाया जा सकता है। अगर किसी तरह का फर्जीवाड़ा नज़र आता है और पेंशनर उसकी जानकारी नहीं देता, तो यह माना जाएगा कि वह भी उस धोखाधड़ी में भागीदार है।

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