latest-newsजयपुरराजनीतिराजस्थान

गहलोत सरकार में खुले अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया शुरू

गहलोत सरकार में खुले अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया शुरू

शोभना शर्मा।  राजस्थान में पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार द्वारा खोले गए महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों की वर्तमान सरकार द्वारा समीक्षा की जा रही है। सरकार का मानना है कि कांग्रेस शासन के दौरान बिना पर्याप्त योजना और आधारभूत संरचना के इन स्कूलों की शुरुआत कर दी गई थी। आरोप है कि न तो विशेष रूप से अंग्रेजी मीडियम के शिक्षक नियुक्त किए गए और न ही नए स्कूल भवन बनाए गए। केवल हिंदी मीडियम स्कूलों पर अंग्रेजी बोर्ड लगाकर इन्हें नया स्वरूप दिया गया।

राज्य सरकार द्वारा गठित कैबिनेट सब कमेटी ने इस पूरे मामले की समीक्षा की। इस कमेटी का नेतृत्व उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा कर रहे हैं, जिसमें गजेंद्र सिंह खींवसर, मदन दिलावर और सुमित गोदारा भी सदस्य हैं। कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, कई स्कूलों में नामांकन इतना कम है कि प्रति कक्षा औसतन 10 छात्र भी नहीं हैं। ऐसी स्थिति में कुछ स्कूलों को पुनः हिंदी मीडियम में बदलने और कम नामांकन वाले स्कूलों को मर्ज करने की सिफारिश की गई है। कुछ स्कूलों को बंद करने तक की बात हुई। हालांकि, इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय अभी तक सामने नहीं आया है।

इन समीक्षाओं और चर्चाओं के बीच, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर ने नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने की अधिसूचना जारी कर दी है। 6 मई 2025 को जारी इस विज्ञप्ति के अनुसार, ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 7 मई से शुरू हो चुकी है, जिसकी अंतिम तिथि 15 जून 2025 निर्धारित की गई है।

16 जून को प्रत्येक स्कूल में उपलब्ध रिक्त सीटों की जानकारी नोटिस बोर्ड पर लगाई जाएगी। 17 जून को लॉटरी के माध्यम से प्रवेश की प्रक्रिया संपन्न होगी और 18 जून को चयनित विद्यार्थियों की सूची जारी की जाएगी। 19 जून से प्रवेश कार्य प्रारंभ होगा और नया सत्र 1 जुलाई 2025 से शुरू होगा।

प्रवेश प्रक्रिया से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें भी स्पष्ट की गई हैं। जिन स्कूलों में बाल वाटिका या प्री-प्राइमरी कक्षाएं संचालित हैं, वहां नर्सरी कक्षा में नए प्रवेश होंगे। अन्य कक्षाओं में छात्र क्रमोन्नत या उत्तीर्ण होने पर ही प्रवेश प्राप्त कर सकेंगे। जहां बाल वाटिका नहीं है, वहां कक्षा प्रथम में सीधे प्रवेश लिए जा सकेंगे।

अगर किसी कक्षा का परिणाम समय पर नहीं आता, तो वहां के छात्रों को अगली कक्षा में प्रवेश दे दिया जाएगा। बाद में परिणाम आने पर रिक्त सीटों पर नए छात्र प्रवेश ले सकेंगे। कक्षा 1 से 5 तक 30 छात्र, कक्षा 6 से 8 तक 35 छात्र और कक्षा 9 से 12 तक 60 छात्र प्रति सेक्शन लिए जाएंगे।

एक विशेष प्रावधान के तहत जिन स्कूलों को भामाशाहों ने गोद लिया है या 50 लाख रुपए से अधिक का दान दिया है, वहां उनके अभिशंषा पत्र के आधार पर प्रति कक्षा अधिकतम दो और एक शैक्षणिक वर्ष में अधिकतम 10 छात्रों को अतिरिक्त प्रवेश दिया जा सकेगा।

राज्य सरकार की समीक्षा और प्रवेश प्रक्रिया साथ-साथ चल रही है। एक ओर जहां सरकार यह तय कर रही है कि किन स्कूलों को हिंदी मीडियम में बदला जाए या बंद किया जाए, वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग ने एडमिशन प्रक्रिया आरंभ कर छात्रों और अभिभावकों को स्पष्ट संदेश दिया है कि फिलहाल इन स्कूलों में पढ़ाई सुचारु रूप से जारी रहेगी।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading