शोभना शर्मा। अमेरिकी नागरिकता और इमिग्रेशन सेवा (USCIS) ने हाल ही में एक सख्त चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अमेरिका में वीजा और ग्रीन कार्ड रखना एक “विशेषाधिकार” है, न कि अधिकार। ट्रंप प्रशासन की नीतियों के अंतर्गत लागू हुई इस चेतावनी ने अमेरिका में रह रहे लाखों प्रवासी भारतीयों और दक्षिण एशियाई नागरिकों की चिंता बढ़ा दी है। USCIS ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई ग्रीन कार्ड या वीजा धारक अमेरिका के कानूनों और मूल्यों का उल्लंघन करता है, तो उसका वीजा या ग्रीन कार्ड तुरंत रद्द किया जा सकता है। इस चेतावनी को ट्विटर X पर जारी किया गया और इसे “नो टॉलरेंस” नीति के तहत देखा जा रहा है।
ट्रंप प्रशासन की सख्ती का असर
डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन काल में इमिग्रेशन नियमों में कई कटौतियां की गईं। टैरिफ को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सख्त रुख अपनाया गया और अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे लोगों को निर्वासित किया गया। इन सबके बीच USCIS की नई चेतावनी एक और सख्त कदम मानी जा रही है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इसे “कैच एंड रिवोक” नीति का नाम दिया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई गैर-अमेरिकी नागरिक अमेरिका के कानूनों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उसका कानूनी दर्जा खत्म कर दिया जाएगा।
वीजा रद्द होते ही खत्म हो सकता है कानूनी दर्जा
रिपोर्ट के अनुसार, इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) ने 30 अप्रैल को एक इंटरनल मेमो जारी किया था, जिसमें यह बताया गया था कि वीजा रद्द होते ही किसी व्यक्ति का कानूनी दर्जा भी स्वत: खत्म हो जाएगा। इसका असर विशेष रूप से उन छात्रों पर पड़ेगा जो अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं। इससे पहले छात्रों का दर्जा सिर्फ विशेष परिस्थितियों में खत्म होता था, जैसे कि स्कूल छोड़ना या किसी आपराधिक गतिविधि में लिप्त होना। लेकिन अब सिर्फ वीजा कैंसिलेशन के आधार पर भी कानूनी दर्जा समाप्त किया जा सकता है।
ग्रीन कार्ड की अहमियत और जटिलताएं
ग्रीन कार्ड अमेरिका में स्थायी निवास के लिए दी जाने वाली कानूनी मान्यता है। यह धारक को अमेरिका में रहकर काम करने और सामाजिक सेवाओं का लाभ उठाने की अनुमति देता है। USCIS के अनुसार, ग्रीन कार्ड एक विशेषाधिकार है, जिसे हासिल करने के लिए सख्त पात्रता मानदंड तय किए गए हैं।
भारत के लाखों लोग ग्रीन कार्ड पाने की कतार में हैं। कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की एक रिपोर्ट बताती है कि 2030 तक ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे भारतीयों की संख्या 21 लाख को पार कर जाएगी। मौजूदा कोटे और देशवार सीमाओं के कारण ग्रीन कार्ड प्राप्त करने में भारतीयों को दशकों लग सकते हैं।
कानून तोड़ने वालों पर अब सीधे कार्रवाई
USCIS की चेतावनी केवल अवैध प्रवासियों के लिए नहीं है, बल्कि यह उन लोगों के लिए भी है जो कानूनी रूप से अमेरिका में रह रहे हैं लेकिन किसी भी प्रकार से अमेरिका के कानूनों का उल्लंघन करते हैं। विशेषकर छात्रों और कार्यरत पेशेवरों को अब अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।
भारत-पाक तनाव के बीच बढ़ी चिंता
हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच USCIS की यह चेतावनी भारतीय उपमहाद्वीप के नागरिकों के लिए और भी चिंता का विषय बन गई है। यह नई नीति दक्षिण एशियाई समुदाय को सीधे प्रभावित कर सकती है।