शोभना शर्मा। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में रोष है और भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल बना हुआ है। इसी संदर्भ में AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पूर्वी चंपारण के ढाका में आयोजित एक जनसभा के दौरान पाकिस्तान और आतंकियों पर तीखा हमला बोला। ओवैसी ने सिर पर तिरंगा पगड़ी पहन कर न सिर्फ देशवासियों के मन की बात कही बल्कि केंद्र सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग भी की।
अपने संबोधन में ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान को अब समझ जाना चाहिए कि भारत में घुसपैठ कर निर्दोष नागरिकों और सैनिकों की हत्या करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की कि ऐसा सख्त कदम उठाया जाए, जिससे भविष्य में कोई भी आतंकी भारत की ओर आंख उठाकर देखने से पहले सौ बार सोचे।
उन्होंने पाकिस्तान को एक “विफल राष्ट्र” बताते हुए कहा कि अब उसकी नापाक हरकतों पर पूर्ण विराम लगाने का समय आ गया है। ओवैसी ने यह भी कहा कि सरकार को उन आतंकियों को जड़ से समाप्त करना चाहिए जो पाकिस्तान की धरती से भारत में घुसपैठ कर रहे हैं।
जनसभा के दौरान ओवैसी ने हाल ही में शहीद हुए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि, “हिमांशी के पति को शादी के सिर्फ छह दिन बाद आतंकियों ने गोली मार दी, लेकिन उन्होंने देश के प्रति नफरत नहीं बल्कि प्रेम और शांति का संदेश दिया। यह हम सभी के लिए प्रेरणा है।”
ओवैसी ने यह भी कहा कि आतंकवाद की लड़ाई केवल हथियारों से नहीं, बल्कि विचारों से भी लड़ी जाती है। उन्होंने अपने भाषण में एकता और भाईचारे का संदेश देते हुए कहा कि जो लोग भारत में रहकर हिंदू-मुस्लिम के बीच नफरत फैलाते हैं, वे दरअसल पाकिस्तान के मंसूबों को मजबूत कर रहे हैं। हमें नफरत नहीं, बल्कि एकता और प्रेम से पाकिस्तान के चेहरों की मुस्कान मिटानी है।
उन्होंने देशवासियों से अपील की कि आतंकी हमलों का जवाब केवल सरकार ही नहीं, बल्कि आम जनता भी अपने विचारों, भाईचारे और शांति के संदेशों से दे सकती है। उनका यह भाषण न केवल राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि सामाजिक सौहार्द का भी सशक्त उदाहरण बना।