शोभना शर्मा। जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में चल रही प्रसिद्ध कथावाचक प्रदीप मिश्रा की शिव कथा शनिवार को विवादों के केंद्र में आ गई। तीसरे दिन कथा के दौरान अचानक मंच से कथा स्थगित करने की घोषणा की गई, जिसके बाद आयोजन स्थल और सोशल मीडिया दोनों पर चर्चा तेज हो गई। लेकिन इसी शाम प्रशासन से वार्ता के बाद कथावाचक ने घोषणा की कि कथा रविवार से फिर से जारी रहेगी। अब कथा का समय भी बदल दिया गया है, जो दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक होगा।
क्या था पूरा मामला?
शनिवार दोपहर, कथा के दौरान प्रदीप मिश्रा ने मंच से कहा कि उन्हें जयपुर प्रशासन से वह सहयोग नहीं मिल रहा जिसकी अपेक्षा थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश में हुई अपनी कथा का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां का प्रशासन पूरी तरह सहयोगी था, लेकिन जयपुर में उनकी टीम को कई प्रशासनिक अड़चनें झेलनी पड़ीं। उन्होंने कथा को अस्थायी रूप से रोकने की घोषणा करते हुए यह भी कहा कि “इस तरह के माहौल में कथा संभव नहीं”।
आयोजकों का प्रशासन पर आरोप
आयोजन समिति के सचिव अनिल संत ने कहा कि पुलिस ने आयोजन को सहज रूप से संचालित करने में मदद नहीं की। उनका आरोप था कि पुलिस ने कई रास्तों को बैरिकेडिंग करके बंद कर दिया, जिससे श्रद्धालुओं को कथा स्थल तक पहुंचने में परेशानी हुई। इसके अलावा, आयोजकों के स्वयंसेवकों को भी कथास्थल के मुख्य भागों में जाने से रोका गया और पुलिस कर्मियों को आगे की पंक्तियों में बैठा दिया गया।
प्रशासन की सफाई
इस पूरे घटनाक्रम पर जयपुर के कलेक्टर जितेंद्र सोनी ने स्पष्ट किया कि प्रशासन की ओर से कथा को रद्द करने जैसा कोई आदेश नहीं दिया गया था। उन्होंने कहा कि प्रशासन की टीम केवल भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात की गई थी, जिससे आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके।
वार्ता के बाद बनी सहमति
कथा रुकने के बाद प्रदीप मिश्रा, कलेक्टर जितेंद्र सोनी और पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ के बीच एक घंटे तक बैठक हुई। इस बैठक के बाद प्रदीप मिश्रा ने एक वीडियो संदेश जारी कर यह घोषणा की कि अब कथा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार रविवार से फिर से शुरू होगी, लेकिन बदले हुए समय में।
श्रद्धालुओं से संयम की अपील
कथावाचक ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे कथा को घर बैठे लाइव माध्यमों से सुनें, क्योंकि कथास्थल की सीमा तय है और अपेक्षा से अधिक भीड़ आने से व्यवस्थाएं बाधित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि भगवान शिव के प्रति श्रद्धा को देखते हुए भक्तों को संयम और सहयोग की भावना दिखानी चाहिए।
कथा का कार्यक्रम जारी रहेगा
1 मई से शुरू हुई यह शिव कथा 7 मई तक आयोजित होनी है। आयोजन समिति और प्रशासन के बीच बनी सहमति के अनुसार अब कथा नियमित रूप से जारी रहेगी। बदलते समय और शर्तों के साथ श्रद्धालुओं से सहयोग की अपेक्षा की जा रही है ताकि आयोजन बिना किसी अवरोध के संपन्न हो सके।