शोभना शर्मा। राजस्थान में मई का महीना आमतौर पर भीषण गर्मी के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार मौसम ने सभी पूर्वानुमानों को पीछे छोड़ते हुए एक नई करवट ली है। पश्चिमी विक्षोभ के असर से प्रदेश के कई हिस्सों में तेज अंधड़, मूसलधार बारिश और ओलावृष्टि ने मौसम को ठंडा बना दिया है। जयपुर, सीकर, नागौर, झुंझुनूं जैसे जिलों में तापमान में 10 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई, जिससे गर्मी से जूझ रहे लोगों को राहत मिली।
जयपुर और आसपास के जिलों में बदला मौसम का रुख
शुक्रवार और शनिवार को जयपुर सहित कई जिलों में दोपहर बाद अचानक तेज आंधी और बारिश का दौर शुरू हो गया। आंधी की रफ्तार इतनी तेज थी कि सड़कों पर वाहन धीमी गति से चलने लगे और धूल भरी हवाओं ने दृश्यता को भी कम कर दिया। जयपुर में शनिवार दोपहर बाद तेज बारिश हुई और तापमान गिरकर 25 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से काफी नीचे है।
सीकर और नागौर में तेज बारिश के साथ ओले गिरने की भी खबर है, जिससे फसलों को नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। झुंझुनूं, भरतपुर, टोंक, दौसा, कोटा, बारां, झालावाड़ और अजमेर जैसे जिलों में भी अलग-अलग तीव्रता की बारिश दर्ज की गई।
आंधी से जनजीवन प्रभावित, सड़कें धूल से ढकी
तेज अंधड़ और धूल भरी हवाओं ने कई शहरों में राहगीरों को मुश्किल में डाल दिया। कई इलाकों में पेड़ गिरने और बिजली आपूर्ति में बाधा आने की घटनाएं भी सामने आईं। मौसम केंद्र जयपुर ने पहले ही 28 जिलों में तेज हवाओं और बारिश की चेतावनी दी थी, जो सही साबित हुई।
अगले चार दिन भी जारी रहेगा मौसमी बदलाव
मौसम विभाग के अनुसार, नया पश्चिमी विक्षोभ राजस्थान के ऊपर सक्रिय है और इसका असर अगले चार दिनों तक रहने की संभावना है। रविवार से मंगलवार तक प्रदेश के कई हिस्सों में तेज हवाएं, बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है। जयपुर मौसम केंद्र का कहना है कि राजस्थान के 80 प्रतिशत हिस्से में हवाएं तेज़ चलेंगी और दर्जनों जिलों में बारिश हो सकती है।
इस दौरान दिन और रात के तापमान में और गिरावट आने की आशंका है, जिससे मौसम सुहावना बना रहेगा। इससे पहले गर्मी के कारण हलकान हो चुके लोग अब मौसम में आई इस ताजगी का आनंद ले रहे हैं।
कृषि पर प्रभाव और अलर्ट
हालांकि, इस बदले हुए मौसम ने किसानों की चिंता भी बढ़ा दी है। ओलावृष्टि और तेज बारिश से गेहूं, सरसों और अन्य फसलों को नुकसान पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे मौसम की ताज़ा जानकारी पर नज़र बनाए रखें और फसल कटाई या भंडारण में सावधानी बरतें।
विभाग ने सभी जिला मुख्यालयों को मौसम अलर्ट जारी किया है, जिससे किसी आपात स्थिति में त्वरित सहायता पहुंचाई जा सके।