शोभना शर्मा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने केंद्र सरकार से स्पष्ट सवाल किया है कि जातिगत जनगणना कब तक पूरी होगी और इसके लिए सरकार ने क्या मापदंड तय किए हैं। पायलट ने कहा कि सरकार को बिना किसी और देरी के साफ़-साफ़ जनता को बताना चाहिए कि जातिगत गणना की प्रक्रिया कितने समय में पूरी की जाएगी। यह सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी का विषय नहीं है, बल्कि सामाजिक न्याय और भागीदारी से जुड़ा एक अहम मुद्दा है।
दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान पायलट ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार को कांग्रेस, राहुल गांधी, INDIA गठबंधन और देश की जनता के दबाव के आगे झुकना पड़ा है। उन्होंने कहा कि जैसे राहुल गांधी बार-बार कहते हैं, वैसे ही हमें समाज का एक्सरे करना होगा, तभी सही आंकड़े सामने आएंगे और हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की जा सकेगी।
बीजेपी ने जातिगत जनगणना को बताया था “जहर”
सचिन पायलट ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तीखा हमला करते हुए कहा कि इस पार्टी ने शुरुआत से ही जातिगत जनगणना का विरोध किया है। उन्होंने याद दिलाया कि बीजेपी के कई नेताओं ने इस पर आपत्तिजनक बयान दिए थे। किसी ने इसे “बांटो और काटो की नीति” कहा, तो किसी ने इसे समाज के लिए “जहर” करार दिया। यहां तक कि राहुल गांधी को अर्बन नक्सल कहकर निशाना बनाया गया।
लेकिन आज वही सरकार, जो 11 वर्षों से सत्ता में है, अब इस मुद्दे पर पीछे हटती नजर आ रही है। पायलट ने कहा कि यह केवल इसलिए संभव हो पाया क्योंकि कांग्रेस और राहुल गांधी ने लगातार संसद के अंदर और बाहर इस मांग को मज़बूती से उठाया। अब यह साफ है कि जन भावना कांग्रेस के साथ है और देश की जनता अपने अधिकार और हिस्सेदारी को लेकर जागरूक हो चुकी है।
जातिगत जनगणना से बढ़ेगी पारदर्शिता
पायलट ने कहा कि यह केवल एक जनगणना नहीं है, बल्कि देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को वैज्ञानिक रूप से समझने की एक प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि आज तक सरकारें बजट और नीतियों का निर्धारण केवल अनुमान के आधार पर करती आई हैं। किसी योजना में कितना पैसा लगेगा, किस वर्ग को कितना लाभ मिल रहा है — यह सब बिना किसी पारदर्शी डेटा के तय होता रहा है।
लेकिन अब यदि जातिगत जनगणना होती है, तो यह स्थिति पूरी तरह से बदल जाएगी। इससे सरकारों की जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। बजट आवंटन, सरकारी योजनाओं की प्राथमिकता और सामाजिक उत्थान के लिए बनाई जाने वाली नीतियों का लाभ वंचित और पिछड़े वर्गों तक सही मायनों में पहुंचेगा।
अब सरकार की मनमानी नहीं चलेगी
सचिन पायलट ने कहा कि अब केंद्र सरकार की मनमानी नहीं चल पाएगी। यदि समाज के सभी वर्गों की सही हिस्सेदारी तय करनी है, तो उसके लिए वैज्ञानिक आंकड़े जरूरी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सामाजिक न्याय को हमेशा प्राथमिकता दी है और हाल ही में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में भी इस मुद्दे पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया है।