शोभना शर्मा। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित बाबा केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार को छह महीने बाद श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु खोल दिए गए। जैसे ही कपाट खुले, पूरे धाम क्षेत्र में भक्ति और आस्था की तरंगें दौड़ गईं। इस बार मंदिर की सजावट विशेष आकर्षण का केंद्र रही, जिसे राजस्थान के कोटा शहर के सात युवाओं ने अपने हुनर से सजाया।
इन युवाओं ने मंदिर परिसर को करीब 2000 किलो फूलों से सजाकर भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कपाट खुलने के साथ ही मंदिर की भव्य तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं, और देश-विदेश के श्रद्धालुओं ने केदारनाथ धाम की इस अनुपम छटा को श्रद्धा से निहारा।
कोटा के युवाओं का अद्भुत योगदान
केदारनाथ मंदिर की इस विशेष फूल सजावट का श्रेय कोटा के ‘केके फ्लावर ग्रुप’ को जाता है। इस टीम का नेतृत्व कर रहे थे कौशल शर्मा, और उनके साथ थे महेंद्र सैनी, जितेंद्र सुमन, आलोक, युगल सुमन, ओमप्रकाश सुमन और शुभम शर्मा। ये सभी युवा फूल सजावट और डिजाइनिंग के क्षेत्र में विशेष दक्षता रखते हैं।
इन युवाओं ने गुजरात की एक फूल सजावट कंपनी के साथ मिलकर मंदिर को सजाने का कार्य किया। उत्तराखंड की ठंडी और बर्फीली पहाड़ियों में इस सजावट को करना अपने आप में एक चुनौती थी, जिसे इन युवाओं ने पूरे समर्पण और भाव के साथ निभाया।
2000 किलो फूलों से सजा बाबा का धाम
मंदिर की सजावट के लिए लगभग 2000 किलो ताजे और रंग-बिरंगे फूलों का प्रयोग किया गया। ये फूल विशेष रूप से पश्चिम बंगाल से मंगवाए गए थे। इन फूलों में शामिल थे – जर्बेरा, टाटा रोज, ओरियंट, लिनी, कार्नेशन, ड्राई पत्ता, सन ऑफ इंडिया, ममी पॉम, फिश पॉम, ऐरिगा, बेबी ब्रांस और एलकोनिया।
इन फूलों से त्रिशूल, शिवशंभु की आकृतियां और सुंदर बंदनवार तैयार की गईं। मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर गर्भगृह तक फूलों की आभा छाई रही, जिसने हर भक्त के मन को आनंदित कर दिया। पूरे मंदिर क्षेत्र में फूलों की महक, रंग और सौंदर्य ने एक अलौकिक वातावरण बना दिया।
सोशल मीडिया पर छाया केदारनाथ का यह रूप
जैसे ही बाबा केदारनाथ के कपाट खुले और मंदिर की फूलों से सजी तस्वीरें सार्वजनिक हुईं, सोशल मीडिया पर उनकी धूम मच गई। इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर पर भक्तों ने तस्वीरें और वीडियो शेयर कर अपनी श्रद्धा प्रकट की।
देशभर से लोगों ने इन युवाओं की कला की प्रशंसा की। केदारनाथ की तस्वीरों ने न केवल भक्तों को भावविभोर किया, बल्कि इस बात को भी साबित कर दिया कि कला, आस्था और समर्पण जब एक साथ मिलते हैं तो वह दृश्य चमत्कारी बन जाता है।
कोटा शहर के लिए गर्व का क्षण
कोटा शहर, जो सामान्यतः अपने कोचिंग संस्थानों और शिक्षा हब के लिए जाना जाता है, इस बार आस्था और कला के संगम का प्रतीक बन गया। कोटा के इन सात युवाओं ने यह दिखा दिया कि उनका हुनर किसी भी बड़े मंच के लिए उपयुक्त है।


