मनीषा शर्मा। राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर द्वारा आयोजित जिला न्यायाधीश संवर्ग भर्ती परीक्षा 2024 को लेकर प्रदेशभर में विरोध का माहौल बना हुआ है। इसी क्रम में शनिवार को टोंक में भी अधिवक्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। वकीलों ने न्यायालय परिसर में नारेबाजी करते हुए कार्य बहिष्कार किया और जिला एवं सत्र न्यायाधीश को ज्ञापन सौंपते हुए भर्ती परीक्षा को अविलंब रद्द करने की मांग की।
अधिवक्ताओं ने अपने ज्ञापन में बताया कि राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर ने 9 जुलाई 2024 को जिला न्यायाधीश संवर्ग भर्ती परीक्षा के लिए विज्ञापन जारी किया था। यह विज्ञापन, हाईकोर्ट की जयपुर पीठ द्वारा पारित 14 फरवरी 2024 के आदेश की पालना किए बिना जारी किया गया, जो कि विधिक प्रावधानों का उल्लंघन है। वकीलों ने यह भी बताया कि उक्त आदेश D.B सिविल रिट याचिका — निशा गौड़ बनाम रजिस्ट्रार (परीक्षा) राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर व अन्य संलग्न याचिकाओं के तहत पारित किया गया था।
अधिवक्ताओं का कहना है कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने भी 9 जुलाई 2024 को राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर की विशेष अनुमति याचिका (SLP) को खारिज कर दिया था। इसके बावजूद हाईकोर्ट प्रशासन ने जल्दबाजी में नियमों की अनदेखी करते हुए भर्ती परीक्षा आयोजित कर दी। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इस भर्ती की मुख्य परीक्षा में मात्र एक ही अभ्यर्थी पास हुआ है, जिससे परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं।
ज्ञापन में वकीलों ने यह भी उल्लेख किया कि पूर्व में वर्ष 2020 में भी राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर द्वारा आयोजित जिला न्यायाधीश संवर्ग भर्ती परीक्षा विवादों में रही थी, जिसका न तो निष्पक्ष जांच हुई और न ही समाधान। अब फिर से वही प्रक्रिया दोहराई जा रही है, जिससे अधिवक्ताओं में रोष है। टोंक बार एसोसिएशन ने इस परीक्षा को तत्काल प्रभाव से रद्द करने और पुनः विधिसम्मत प्रक्रिया अपनाने की मांग की है।