latest-newsजयपुरराजनीतिराजस्थान

लाडो और लखपति दीदी सहित 25 योजनाएं बनीं फ्लैगशिप

लाडो और लखपति दीदी सहित 25 योजनाएं बनीं फ्लैगशिप

शोभना शर्मा।  राजस्थान की भजनलाल सरकार ने एक बड़ा प्रशासनिक निर्णय लेते हुए लाडो प्रोत्साहन योजना, लखपति दीदी, नमो ड्रोन दीदी सहित केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित कुल 25 योजनाओं को फ्लैगशिप स्कीम का दर्जा दिया है। इस फैसले के बाद अब इन योजनाओं की हर महीने सख्त मॉनिटरिंग की जाएगी और रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय व आयोजन विभाग को भेजी जाएगी। शुक्रवार को इस संबंध में आयोजन विभाग द्वारा आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिए गए।

पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय राज्य सरकार द्वारा संचालित 33 योजनाओं को फ्लैगशिप स्कीम घोषित किया गया था, लेकिन इस बार केंद्र और राज्य दोनों की योजनाओं को शामिल करते हुए 25 महत्वपूर्ण योजनाओं को इस विशेष दर्जे से नवाजा गया है। इस कदम का उद्देश्य योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता, गति और प्रभावशीलता लाना है।

इन योजनाओं को मिला फ्लैगशिप स्कीम का दर्जा

फ्लैगशिप का दर्जा उन योजनाओं को दिया जाता है जो सीधे आम जनता के जीवन को प्रभावित करती हैं और जिनका सामाजिक-आर्थिक प्रभाव व्यापक होता है। इस सूची में शामिल प्रमुख योजनाएं हैं:

  • लाडो प्रोत्साहन योजना: गरीब परिवार में बालिका के जन्म पर ₹1 लाख का बॉन्ड

  • लखपति दीदी, सोलर दीदी, बैंक सखी, नमो ड्रोन दीदी: महिला सशक्तिकरण की पहलें

  • प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत: निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं

  • प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण और शहरी): आवास निर्माण के लिए सहायता

  • कुसुम योजना: सोलर पंप और ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता

  • स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण व शहरी): स्वच्छता की दिशा में केंद्रित प्रयास

  • जल जीवन मिशन, मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना: हर घर नल से जल

  • अटल प्रगति पथ, पीएम ग्राम सड़क योजना: ग्रामीण सड़कों का विकास

  • स्वामित्व योजना: ग्रामीण आबादी को संपत्ति का अधिकार पत्र देना

  • मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान और अटल ज्ञान केंद्र: शिक्षा और स्किल डेवलेपमेंट

  • पंडित दीनदयाल गरीबी मुक्त गांव योजना, पीएम विश्वकर्मा योजना: ग्रामीण और कारीगरों का विकास

मॉनिटरिंग व्यवस्था होगी सख्त

इस बार की सबसे खास बात यह है कि इन फ्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा अब केवल विभागीय स्तर तक सीमित नहीं रहेगी। हर योजना की जिम्मेदारी एक प्रभारी सचिव और मंत्री को सौंपी गई है, जो हर महीने की 7 तारीख तक उस योजना की प्रगति रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय और आयोजन विभाग को भेजेंगे।

यह समीक्षा प्रक्रिया यह सुनिश्चित करेगी कि योजनाएं केवल कागज़ों में नहीं, ज़मीन पर भी प्रभावी ढंग से लागू हो रही हैं। सरकार चाहती है कि इन योजनाओं के माध्यम से राज्य के गरीब, किसान, महिलाएं और ग्रामीण जनता सीधे लाभान्वित हो।

क्यों है फ्लैगशिप स्कीम का दर्जा महत्वपूर्ण?

फ्लैगशिप योजना का दर्जा किसी योजना के लिए सबसे उच्च प्राथमिकता का संकेत होता है। इससे योजना को न सिर्फ प्रशासनिक बल मिलता है, बल्कि बजट आवंटन, संसाधन, समीक्षा और पारदर्शिता जैसी व्यवस्थाएं भी मजबूती से लागू होती हैं। इससे योजना की सफलता की संभावनाएं बढ़ जाती हैं और लाभार्थी को उसका हक समय पर मिल पाता है।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading