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ज्ञानदेव आहूजा के बयान पर बवाल, कांग्रेस ने दी तीखी चेतावनी

ज्ञानदेव आहूजा के बयान पर बवाल, कांग्रेस ने दी तीखी चेतावनी

मनीषा शर्मा।  राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर बयानबाजी ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। भाजपा के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा द्वारा कांग्रेस नेता व नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उग्र प्रदर्शन करते हुए कोटा में आहूजा का पुतला फूंका। मामला उस वक्त भड़का जब टीकाराम जूली के राम मंदिर दर्शन के बाद कथित तौर पर मंदिर में गंगाजल छिड़कवाने की बात कही गई।

क्या है पूरा मामला?

अलवर जिले में रामलला मंदिर के दर्शन के बाद कांग्रेस नेता टीकाराम जूली की धार्मिक आस्था पर सवाल खड़े करते हुए भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा ने कथित रूप से मंदिर में गंगाजल छिड़कवाने की बात कही थी। इसे लेकर कांग्रेस में जबरदस्त आक्रोश है। रविवार को कोटा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया, पुतला जलाया और चेतावनी दी कि अगर ज्ञानदेव आहूजा हाड़ोती संभाग में कहीं भी नजर आए तो उन्हें सबक सिखाया जाएगा।

कांग्रेस नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस नेता विपिन बारथुनिया ने कहा कि आहूजा का बयान केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि दलित समाज और संविधान पर सीधा प्रहार है। उन्होंने कहा कि भाजपा की ओछी राजनीति बार-बार दलितों, आदिवासियों और कमजोर वर्गों का अपमान करती रही है। विपिन ने कहा, “भगवान राम जब 14 साल के वनवास पर थे, तब उन्होंने एक आदिवासी महिला के बेर खाए थे। तब राम ने उसे अपवित्र नहीं माना, तो ज्ञानदेव आहूजा कौन होते हैं किसी दलित को मंदिर में जाने के बाद पवित्रता पर सवाल उठाने वाले?”

“मूंछ निकालकर चंबल में विसर्जित कर देंगे” – कांग्रेस

विपिन बारथुनिया ने मंच से खुले तौर पर चेतावनी दी, “अगर ज्ञानदेव आहूजा हाड़ोती क्षेत्र में आते हैं, तो हम उनकी मूंछ पकड़कर काट देंगे और चंबल नदी में विसर्जित कर देंगे। यह दलित समाज का अपमान है और इसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।” उन्होंने कहा कि ऐसे बयान देने वाले नेता पर SC/ST एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।

संविधान की भावना का अपमान

कांग्रेस नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत का संविधान सभी नागरिकों को समानता और धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है। मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा – सबके दरवाजे हर धर्म, जाति और वर्ग के लिए खुले हैं। टीकाराम जूली ने अपने धार्मिक विश्वास के तहत दर्शन किए थे, जिसे किसी नेता की जातिगत सोच से अपवित्र बताना, भारतीय संविधान की भावना का सीधा अपमान है।

भाजपा की सफाई और चुप्पी

जहां कांग्रेस ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया, वहीं भाजपा की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। पार्टी स्तर पर आहूजा के बयान को लेकर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, जिससे कांग्रेस को हमले का और मौका मिल गया है। कांग्रेस कार्यकर्ता इस मुद्दे को लेकर विभिन्न जिलों में प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं।

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