मनीषा शर्मा। मंत्री पद से इस्तीफा देने के नौ महीने बाद पूर्व कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने सोमवार को कृषि भवन में विभागीय अधिकारियों के साथ पहली मैराथन समीक्षा बैठक की। सुबह 11 बजे शुरू हुई यह बैठक देर शाम तक चली, जिसमें मीणा ने राज्य के कृषि विभाग की कार्यप्रणाली पर कड़ी नजर डाली और कई गड़बड़ियों को उजागर करते हुए सख्त फैसले लिए। इस बैठक में मुख्य रूप से किसानों को बांटे गए फ्री मिनीकिट्स, बीमा योजनाओं और विभिन्न परियोजनाओं में हुई अनियमितताओं की समीक्षा की गई।
बैठक के दौरान सबसे गंभीर मामला फ्री मिनीकिट्स में नकली और अमानक सामग्री की सप्लाई को लेकर सामने आया। इस घोटाले में तत्कालीन क्वालिटी कंट्रोल के संयुक्त कृषि निदेशक गजानंद यादव को दोषी मानते हुए मीणा ने उन्हें तत्काल सस्पेंड करने के आदेश दिए। इन मिनीकिट्स में बायो-फर्टिलाइज़र, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स और बायोएजेंट्स जैसे उत्पादों में ज़ीरो कंटेंट पाया गया था। जिन कंपनियों से यह सामग्री सप्लाई की गई, उनकी रिपोर्ट फेल होने के बावजूद विभागीय स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।
जिन कंपनियों के मिनीकिट्स फेल पाए गए, उनमें केम बायोटेक (रीको सरनाडूंगर), स्पेक्ट्रम एग्री साइंस (रिंगस), क्रूस्टा क्रॉप साइंस प्रा. लि. (गुजरात), जी.एस. क्रॉप साइंस (गुरुग्राम), इंडिया बायोटेक एंड केमिकल (श्रीगंगानगर), कुबेर फर्टिकेम (रिंगस) और मोन्टेक्स एग्रीटेक सोल्यूशन प्रा. लि. (श्रीगंगानगर) शामिल हैं।
सहायक निदेशक स्तर पर भी कार्रवाई करते हुए एक अधिकारी को एपीओ करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, मधुमक्खी पालन के बॉक्सेज के अनुदान में गड़बड़ी के आरोपों पर संयुक्त उद्यान निदेशक, भरतपुर योगेश कुमार शर्मा को एपीओ कर बीकानेर स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए।
कृषि विभाग में पुराने लंबित मामलों पर भी कार्रवाई हुई। वर्ष 2010-11 में अमानक फर्टिलाइज़र के नमूनों पर वाद दायर नहीं करने के कारण संबंधित निरीक्षकों पर विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
मीणा ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भी गड़बड़ियों को गंभीरता से लिया। श्रीगंगानगर और बूंदी जिलों में बीमित किसानों के साथ धोखाधड़ी के मामलों में क्षेमा जनरल इंश्योरेंस कंपनी का एग्रीमेंट रद्द करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सवाईमाधोपुर और जालौर में ड्रिप इरिगेशन योजनाओं में अनियमितताओं की जांच राज्य स्तरीय समिति से कराने का आदेश दिया गया।
किरोड़ी मीणा की यह समीक्षा बैठक संदेश देती है कि वे इस्तीफे के बाद भी किसानों और कृषि विभाग के मामलों को गंभीरता से ले रहे हैं और किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे।