मनीषा शर्मा। राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा एक बार फिर अपने तीखे तेवरों के लिए चर्चा में हैं। शुक्रवार रात उन्होंने रणथंभौर नेशनल पार्क के मुख्य द्वार पर वन विभाग की कार्यशैली के खिलाफ धरना देकर प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा दिया। मामला तब गरमा गया जब त्रिनेत्र गणेश मंदिर में शादी का कार्ड देने आए श्रद्धालु को मंदिर जाने से रोक दिया गया, जबकि कुछ अन्य लोगों को बिना रोकटोक मंदिर जाने की अनुमति दे दी गई।
इस कथित भेदभाव की जानकारी मिलते ही मंत्री डॉ. किरोड़ी खुद मौके पर पहुंचे और वन अधिकारियों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने वहां कुर्सी लगाकर धरना दिया और मौके पर DFO रामानंद भाकर को बुलाकर जमकर फटकार लगाई।
श्रद्धालुओं को नियमों की आड़ में रोका गया
डॉ. किरोड़ी ने वन अधिकारियों पर आरोप लगाया कि वे वन अधिनियम और कानून की आड़ में आम लोगों को परेशान कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “शाम चार बजे के बाद श्रद्धालुओं को त्रिनेत्र गणेश मंदिर और कचीदा माता मंदिर में प्रवेश से रोक दिया जाता है, जबकि वीआईपी और परिचितों को रात में भी जंगल के भीतर भेजा जाता है। यह दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं है।”
शादी का कार्ड देने आए युवक की शिकायत
धरने के दौरान बामनवास से आए एक युवक ने मंत्री से शिकायत की कि वह शाम 4 बजे से मंदिर के बाहर खड़ा है, लेकिन अधिकारियों ने उसे अंदर नहीं जाने दिया। युवक के अनुसार, उसके बाद कई वाहन आए और लोगों को मंदिर भेज दिया गया। इस बात पर मंत्री भड़क उठे और वन अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए।
मंत्री का कड़ा रुख, फोन पर की शिकायत
घटना से नाराज डॉ. किरोड़ी ने तत्काल राज्य के वन मंत्री संजय शर्मा और हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स को फोन कर रणथंभौर में अधिकारियों की कार्यशैली की शिकायत की। उन्होंने कहा कि दोषी अधिकारियों पर जल्द सख्त कार्रवाई की जाएगी। धरने के दौरान मंत्री के समर्थकों ने भी वन विभाग पर पक्षपात के आरोप लगाए और मांग की कि नियमों को सभी के लिए समान रूप से लागू किया जाए।
मंदिर परिसर में भजन संध्या और वीआईपी एंट्री का मामला
मंत्री को यह भी जानकारी मिली कि रणथंभौर दुर्ग में स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर में एक कार्यक्रम चल रहा है, जहां किसी का जन्मदिन सेलिब्रेट किया जा रहा है और भजन संध्या का आयोजन हो रहा है। उन्होंने तुरंत वन अधिकारियों को मंदिर जाकर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश दिए।
वन अधिकारियों की चुप्पी
धरना स्थल पर पहुंचे DFO रामानंद भाकर और अन्य वन अधिकारी पूरे समय चुपचाप खड़े रहे। मंत्री की नाराजगी के सामने किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। डॉ. किरोड़ी ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि आगे से किसी श्रद्धालु को बिना ठोस कारण के मंदिर जाने से रोका गया, तो सरकार स्तर पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अनियमितताओं को दूर करने के निर्देश
धरने के अंत में मंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि रणथंभौर में वन विभाग की कार्यशैली में जल्द सुधार किया जाए। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को परेशान करना बंद हो और नियमों को पारदर्शिता के साथ लागू किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि वन विभाग ने अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव नहीं किया, तो प्रशासनिक कार्रवाई निश्चित है।
धरना खत्म कर रवाना हुए मंत्री
लगभग एक घंटे तक चले धरने के बाद डॉ. किरोड़ी अपने समर्थकों के साथ मौके से रवाना हो गए। वन अधिकारी भी उनके निर्देश पर मंदिर परिसर में चल रहे कार्यक्रम की स्थिति देखने के लिए आगे बढ़ गए।


