latest-newsजयपुरराजनीतिराजस्थान

राजस्थान की सियासत में शायराना संग्राम: राजेंद्र राठौड़ और टीकाराम जूली के बीच शायराना संग्राम

राजस्थान की सियासत में शायराना संग्राम: राजेंद्र राठौड़ और टीकाराम जूली के बीच  शायराना संग्राम

मनीषा शर्मा।  राजस्थान की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है, जहां सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के बीच तीखी बहस छिड़ गई है। यह बहस न केवल आंकड़ों की है बल्कि शायराना अंदाज में सियासी हमले और जवाबी हमले भी सामने आए हैं।

 बहस की शुरुआत: राइजिंग राजस्थान पर निशाना

गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीकाराम जूली ने राइजिंग राजस्थान अभियान के तहत भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए प्रदेश सरकार की योजनाओं को खोखला बताया और पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर किए गए वादों की याद दिलाई।

 राठौड़ का पलटवार: शायराना अंदाज में हमला

शुक्रवार को राजेंद्र राठौड़ ने जवाबी हमला करते हुए लिखा, “जो सच के सिपाही थे, वो डटे रहेंगे,झूठ के सौदागर ही पलटते रहेंगे जूली जी।” उन्होंने कांग्रेस पर झूठे आंकड़े प्रस्तुत करने का आरोप लगाया और कहा कि राजस्थान की वित्तीय स्थिति में सुधार भाजपा सरकार की प्राथमिकता रही है।

 वित्तीय आंकड़ों की जंग

राठौड़ ने दावा किया कि 2024-25 में पूंजीगत खर्च 38,288 करोड़ रुपए रहा जो कि अब तक का सर्वाधिक है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय पूंजीगत व्यय केवल 26,646 करोड़ था, और यह खर्च 43.69% की बढ़ोतरी दर्शाता है।

इसके जवाब में जूली ने कहा कि 2023-24 के बजट अनुमान में पूंजीगत खर्च 38,061 करोड़ रखा गया था, पर रिवाइज एस्टिमेट में यह घटकर 34,844 करोड़ रह गया। इससे यह साफ होता है कि भाजपा सरकार अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाई।

 कर्ज और वित्तीय प्रबंधन पर आरोप-प्रत्यारोप

राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि भाजपा सरकार को भारी कर्ज कांग्रेस से विरासत में मिला। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार कर्ज को FRBM की अनुमत सीमा में रखते हुए काम कर रही है। लेकिन जूली ने इसका जवाब देते हुए 2013-14 से 2018-19 तक कर्ज के आंकड़े सामने रखे और बताया कि राठौड़ की सरकार के दौरान ही कर्ज GSDP का 23.58% से बढ़कर 34.16% हो गया था। उन्होंने भाजपा सरकार के वित्तीय प्रबंधन को विफल बताया।

 GSDP पर भी भिड़ंत

राठौड़ ने कहा कि भाजपा सरकार में GSDP 2023-24 के 15.21 लाख करोड़ से बढ़कर 2024-25 में 17.04 लाख करोड़ हो गई है और 2025-26 में यह 19.89 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। जूली ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बजट का आकार 84% और GSDP 70% बढ़ा था। उन्होंने 2018-19 में GSDP के आंकड़े प्रस्तुत किए और आर्थिक विकास दर में उल्लेखनीय वृद्धि को गिनवाया।

 शायरी में छुपे सियासी तीर

जूली ने राठौड़ के जवाब पर एक और शायरी के साथ प्रतिक्रिया दी “बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी, लोग बेवजह उदासी का सबब पूछेंगे।” यह दर्शाता है कि बहस केवल आंकड़ों की नहीं, बल्कि राजनीतिक प्रतिष्ठा और जनता को अपने पक्ष में करने की होड़ भी है।

 केंद्र से धन, लेकिन खर्च अधूरा?

राठौड़ ने कहा कि 2024-25 में केंद्र से 77,548 करोड़ रुपए प्राप्त हुए, जो कांग्रेस सरकार के समय से 9,485 करोड़ ज्यादा है। उन्होंने इसे डबल इंजन सरकार की ताकत बताया वहीं, जूली ने आरोप लगाया कि सरकार ने अब तक पूंजीगत व्यय में प्रस्तावित राशि का 13% खर्च ही नहीं किया, जो उनकी प्रशासनिक क्षमता पर सवाल खड़ा करता है।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading