मनीषा शर्मा। अजमेर विकास प्राधिकरण (ADA) ने भारतीय सर्वेक्षण विभाग (Survey of India) को 1990 में आवंटित जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया है। यह जमीन नेशनल हाईवे के पास अर्जुन लाल सेठी नगर में कार्यालय और आवासीय क्वार्टर बनाने के लिए दी गई थी, लेकिन विभाग ने अब तक वहां कोई निर्माण कार्य नहीं किया।
क्यों हुआ जमीन आवंटन रद्द?
ADA तहसीलदार की रिपोर्ट के अनुसार, सर्वे ऑफ इंडिया ने 34 वर्षों में न तो कार्यालय खोला और न ही क्वार्टर बनाए। जमीन पर सिर्फ चारदीवारी बनी हुई है और उसमें झाड़ियां उगी हुई हैं। इस लापरवाही को देखते हुए प्राधिकरण ने जमीन आवंटन निरस्त करने का फैसला लिया।
11 लाख में मिली थी जमीन, अब कीमत 20 करोड़ से ज्यादा
1990 में इस 14520 वर्गगज भूमि की कीमत मात्र 80 रुपये प्रति गज तय की गई थी। विभाग ने 11 लाख 61 हजार 600 रुपये जमा कराकर जमीन हासिल की थी।
6 अक्टूबर 2002 को जमीन की लीज डीड जारी हुई थी। वर्तमान में, यह भूमि ओपन लैंड और औद्योगिक प्रयोजनार्थ के रूप में दर्ज है। लेकिन हाईवे पर स्थित होने के कारण अब इस जमीन की कीमत 20 करोड़ रुपये से अधिक हो चुकी है।
विभाग ने खुद मांगी थी जमीन वापसी
सर्वे ऑफ इंडिया ने 1 जनवरी 2015 और 4 जनवरी 2024 को ADA को पत्र लिखकर जमीन वापस लेने का अनुरोध किया था। अब विभाग ने अपनी जमा कराई गई राशि वापस लेने पर सहमति जताई है, हालांकि प्राधिकरण ने अभी तक राशि लौटाई नहीं है।