मनीषा शर्मा। राजस्थान में भजनलाल शर्मा सरकार ने अशोक गहलोत सरकार के नगरपालिकाओं के गठन के फैसले को पलटते हुए झुंझुनूं जिले में तीन नई नगरपालिकाएं बनाने की घोषणा की है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा बनाई गई गुढ़ागौडज़ी और पौंख नगरपालिकाओं को खत्म कर इन्हें फिर से ग्राम पंचायतों में बदल दिया गया है। इस राजनीतिक फेरबदल को लेकर विपक्ष ने भाजपा सरकार पर ‘राजनीतिक बदले’ और ‘वोट बैंक इंजीनियरिंग’ का आरोप लगाया है।
गहलोत सरकार का फैसला पलटा, झुंझुनूं में नई नगरपालिकाएं
राजस्थान की भाजपा सरकार ने कांग्रेस सरकार के फैसलों को पलटते हुए मलसीसर, मंड्रेला और बुहाना को नए नगरपालिका दर्जे की घोषणा की है। वहीं, गुढ़ागौडज़ी और पौंख को दोबारा ग्राम पंचायतों में बदलने से विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष का आरोप है कि भाजपा राजनीतिक लाभ के आधार पर नगरपालिकाओं का चयन कर रही है।
कांग्रेस का भाजपा पर निशाना: ‘राजनीतिक बदले’ की नीति
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार नगरपालिकाओं के गठन को विकास का टूल नहीं, बल्कि सत्ता के समीकरण के लिए इस्तेमाल कर रही है। कांग्रेस सांसद बृजेन्द्रसिंह ओला, अमित ओला, कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिनेश सुंडा, पीसीसी मेंबर सुनील झाझडिया और महिला कांग्रेस अध्यक्ष तेजस्विनी शर्मा ने इस फैसले के खिलाफ विरोध जताया है।
कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि जिन इलाकों में भाजपा को समर्थन हासिल है, वहां नई नगरपालिकाएं बनाई जा रही हैं, जबकि कांग्रेस समर्थित क्षेत्रों से यह दर्जा वापस लिया जा रहा है। कांग्रेस ने इस कदम को “सत्ता का खेल” करार दिया और भाजपा पर लोकतंत्र के दुरुपयोग का आरोप लगाया।
गुढ़ागौडज़ी और पौंख में जनता का आक्रोश
गुढ़ागौडज़ी में नगर पालिका का दर्जा खत्म किए जाने से स्थानीय लोग नाराज हैं। पूर्व चेयरमैन रामवतार दायमा, उप चेयरमैन नवल सिंह, कैलाश मोदी, भोजराज गुढ़ा, धर्मेंद्र, शिव कुमार, राम जानिवास कुमावत, रफीक ख़ान, राजेश कुमार सहित कई स्थानीय नेताओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और चेतावनी दी कि यदि फैसला वापस नहीं लिया गया, तो बड़ा आंदोलन कियाएगा।
वहीं, भाजपा ने इस फैसले को प्रशासनिक सुधार बताते हुए कहा कि इससे शहरी विकास को गति मिलेगी और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
भाजपा ने दी सफाई, प्रशासनिक सुधार बताया
भाजपा सरकार का कहना है कि इस फैसले का उद्देश्य बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था और शहरीकरण के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना है। भाजपा नेताओं ने दावा किया कि नई नगरपालिकाएं भविष्य की जरूरतों को देखते हुए बनाई गई हैं और यह फैसला विकास के हित में लिया गया है।
सियासी रणनीति या प्रशासनिक सुधार?
इस पूरे घटनाक्रम ने राजस्थान की राजनीति में हलचल मचा दी है। भाजपा सरकार अपने फैसले को प्रशासनिक सुधार बता रही है, जबकि कांग्रेस इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दे रही है। झुंझुनूं जिले में इस फैसले से भाजपा और कांग्रेस के बीच टकराव तेज हो गया है, और जनता भी इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रही है। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला क्या मोड़ लेता है।