शोभना शर्मा। लोकसभा में उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने और इस पर वेब सीरीज बनाने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि मानगढ़ आंदोलन भारतीय स्वाधीनता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है, जिसे अभी तक उचित मान्यता नहीं मिली है।
सांसद रावत ने संसद में क्या कहा?
शून्यकाल के दौरान सांसद मन्नालाल रावत ने बताया कि 1908 से 1913 के बीच राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश की सीमा पर मानगढ़ आंदोलन हुआ था। इस आंदोलन में गोविंद गुरु के नेतृत्व में भील भक्तों ने वैदिक हवन, यज्ञ और भगवा ध्वज के साथ सामाजिक समरसता के आधार पर ब्रिटिश औपनिवेशिक सत्ता के खिलाफ आवाज उठाई थी।
उन्होंने कहा कि मानगढ़ धाम एक सनातनी पावन स्थल है और वहां हुए बलिदानों की गाथा को पूरे विश्व के सामने लाने की जरूरत है। इसके लिए लेखन, प्रकाशन और वेब सीरीज का निर्माण होना चाहिए।
वेब सीरीज और फिल्म निर्माण की अपील
सांसद ने सुझाव दिया कि आरआरआर जैसी फिल्मों की तर्ज पर मानगढ़ आंदोलन पर एक फिल्म बनाई जा सकती है। इससे आदिवासी इतिहास को सम्मान मिलेगा और नई पीढ़ी को इस संघर्ष के बारे में जानने का मौका मिलेगा।
राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग
डॉ. रावत ने कहा कि मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाना चाहिए ताकि इस ऐतिहासिक स्थल को उचित पहचान मिले और यहां बलिदान देने वाले आदिवासी सेनानियों की स्मृति को संजोया जा सके।