भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स जल्द ही अंतरिक्ष से पृथ्वी पर लौट रही हैं। उनकी वापसी से पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें एक विशेष पत्र लिखा है, जिसमें भारत आने का न्योता दिया गया है। 1 मार्च को लिखे गए इस पत्र को नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो ने भेजा था, जिसे केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने अपने आधिकारिक X अकाउंट पर साझा किया। प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में लिखा, “हम आपको भारत में देखने के लिए उत्सुक हैं। भारत की सबसे शानदार बेटियों में से एक की मेजबानी करना हमारे लिए गर्व की बात होगी।”
सुनीता विलियम्स: 9 महीने अंतरिक्ष में बिताने के बाद वापसी
सुनीता विलियम्स 5 जून 2024 को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंची थीं। अब वे 9 महीने और 13 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद 19 मार्च 2025 को धरती पर वापस लौट रही हैं। उनके साथ नासा के अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर, निक हेग और अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी ISS से रवाना हुए हैं।
लैंडिंग डिटेल्स:
यान 18 मार्च को सुबह 10:35 बजे ISS से अलग हुआ।
19 मार्च को सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर समुद्र में लैंडिंग होगी।
स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए वापसी कर रहे हैं।
मोदी के पत्र में पिता का भी जिक्र
प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में सुनीता विलियम्स के पिता, दिवंगत दीपक पंड्या का भी उल्लेख किया। उन्होंने लिखा, “भले ही आप हजारों मील दूर हैं, लेकिन आप हमारे दिलों के करीब हैं। 1.4 अरब भारतीयों ने हमेशा आपकी उपलब्धियों पर गर्व किया है।” मोदी ने 2016 में अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान सुनीता विलियम्स और उनके पिता से हुई मुलाकात को याद किया। उन्होंने कहा कि उस बातचीत में सुनीता का जिक्र हुआ था, और तभी उन्होंने उनके लिए एक पत्र लिखने का मन बना लिया था। इसके अलावा, पीएम मोदी ने सुनीता की मां बोनी पंड्या का भी जिक्र करते हुए लिखा, “आपकी मां आपके लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रही होंगी। मुझे यकीन है कि दीपक भाई का आशीर्वाद भी आपके साथ है।”
अहमदाबाद में परिवार की खुशी और विशेष यज्ञ
सुनीता विलियम्स के चचेरे भाई दिनेश रावल ने भी अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, “पूरा परिवार उनकी वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। हमें गर्व है कि वह अंतरिक्ष में भारत का नाम रोशन कर रही हैं।” परिवार ने सुनीता की सुरक्षित वापसी के लिए विशेष यज्ञ का आयोजन भी किया है।
अंतरिक्ष यात्रा की चुनौतियां और लैंडिंग प्रक्रिया
सुनीता और उनके साथी 9 महीने अंतरिक्ष में फंसे रहे क्योंकि Boeing Starliner स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी आ गई थी। इसके बाद, नासा ने स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को उनके रेस्क्यू के लिए चुना।
लैंडिंग प्रक्रिया:
- स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करने से पहले डीऑर्बिट बर्न किया जाएगा।
- गति 28,000 किमी/घंटा से 32 किमी/घंटा तक घटाई जाएगी।
- पैराशूट की मदद से समुद्र में सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी।
- रिकवरी टीम उन्हें सुरक्षित निकालकर चिकित्सा परीक्षण के लिए ले जाएगी।