शोभना शर्मा। राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर से गरमाहट आ गई है। भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर हत्या की साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया है। विधायक आचार्य ने डोटासरा को ‘पेपरलीक माफिया’ कहकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि डोटासरा ने या तो उनकी हत्या की सुपारी दे दी है या किसी को उन्हें मारने के लिए उकसाया है।
बालमुकुंद आचार्य ने अपने बयान में कहा कि अगर डोटासरा को उनकी जान को खतरा होने की जानकारी है, तो इसका मतलब यही है कि या तो उन्होंने खुद साजिश रची है या किसी को उकसाया है। आचार्य ने यह भी कहा कि डोटासरा के बयानों से न केवल उनका बल्कि सनातन धर्म का भी अपमान हुआ है। उन्होंने कांग्रेस पर सनातन और भारतीय संस्कृति के खिलाफ होने का आरोप लगाया और दावा किया कि भविष्य में कांग्रेस मुक्त भारत के अभियान में जनता कांग्रेस को जवाब देगी।
डोटासरा का पलटवार
बालमुकुंद आचार्य के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे लोग विधानसभा में आ गए हैं। उन्होंने आचार्य पर हिंदू-मुस्लिम करके नफरत फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि विधायक को अपने क्षेत्र की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। डोटासरा ने यह भी कहा कि भगवान करे आचार्य सुरक्षित रहें और उनकी सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए, क्योंकि उनकी हरकतें किसी का भी दिमाग खराब कर सकती हैं।
डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा का बयान
डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने भी इस विवाद पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग करना उनकी संस्कृति और संस्कारों के खिलाफ है। बैरवा ने स्पष्ट किया कि वे मर्यादा में रहते हुए अपनी बात रखते हैं और दूसरों से भी यही उम्मीद करते हैं।
लाउडस्पीकर विवाद का कारण
लाउडस्पीकर विवाद की शुरुआत भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य के उस बयान से हुई जिसमें उन्होंने धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों की आवाज कम करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि तेज आवाज से सिरदर्द और माइग्रेन जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को परेशानी होती है। विधायक ने आरोप लगाया कि रमजान के दौरान जानबूझकर लाउडस्पीकर की आवाज बढ़ा दी जाती है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि लाउडस्पीकरों की आवाज की जांच कराई जाए और इसे नियंत्रित किया जाए। इस बयान के बाद सियासी हलकों में विवाद गहराता चला गया और कांग्रेस नेताओं ने इसे सांप्रदायिक मुद्दा बनाने का आरोप लगाया।