शोभना शर्मा, अजमेर। वकील पुरुषोत्तम की हत्या के बाद स्थानीय वकीलों में भारी आक्रोश देखने को मिला। विरोध प्रदर्शन के दौरान शहर के कई इलाकों में बंद का माहौल रहा और कुछ स्थानों पर हिंसा और तोड़फोड़ भी हुई। वकीलों ने सरकार से मृतक के परिवार के लिए मुआवजा, नौकरी और न्याय की मांग की। विरोध तेज होने पर सरकार को झुकना पड़ा और सहमति बनते ही आंदोलन समाप्त कर दिया गया।
कैसे हुई घटना?
यह मामला 2 मार्च की रात का है जब पुष्कर में अधिवक्ता पुरुषोत्तम अपने पड़ोस में तेज आवाज में बज रहे डीजे को बंद करवाने गए थे। इस दौरान कुछ लोगों के साथ उनका विवाद हो गया, जिसने हिंसक रूप ले लिया। पुरुषोत्तम पर जानलेवा हमला किया गया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद अजमेर के वकीलों में भारी आक्रोश फैल गया।
वकीलों का उग्र आंदोलन
हत्या के खिलाफ अजमेर, पुष्कर और नसीराबाद में वकीलों ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि मृतक के परिवार को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिले और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। शनिवार को वकीलों ने अजमेर शहर में उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान बाजार बंद रहे, सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा और कई जगहों पर तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं। आनासागर झील के पास एक दुकान पर काम करने वाले कर्मचारी से मारपीट भी की गई। वकीलों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो वे स्टेट हाईवे और रेलवे ट्रैक को जाम कर देंगे।
वकीलों ने दी थी बड़ी चेतावनी, सरकार को झुकना पड़ा
वकीलों की चेतावनी के कुछ ही घंटों बाद प्रशासन हरकत में आया और सरकार, मृतक के परिजन और वकीलों के बीच बातचीत हुई। अंततः सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण मांगों पर सहमति जताई, जिसके बाद वकीलों ने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा कर दी।
सहमति के प्रमुख बिंदु:
मृतक के परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी दी जाएगी।
मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा।
घटना स्थल के पास स्थित शराब के ठेके को हटाया जाएगा।
इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाएगी।
प्रशासन की कार्रवाई और आगे की जांच
सरकार ने वकीलों को आश्वासन दिया है कि घटना की निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच की जाएगी। स्थानीय प्रशासन ने भी इस पर गंभीर रुख अपनाया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।