मनीषा शर्मा। राजस्थान में सेकेंड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा-2022 के पेपर लीक मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए 8 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने इसे मात्र प्रश्न-पत्र लीक करने का मामला नहीं माना, बल्कि इसे एक संगठित अपराध करार दिया, जिसने हजारों ईमानदार अभ्यर्थियों के भविष्य को खतरे में डाल दिया।
हाईकोर्ट का सख्त रुख, ट्रायल कोर्ट को दिए निर्देश
जस्टिस फरजंद अली की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि वह इस मामले की सुनवाई जल्द से जल्द पूरी करे। साथ ही, कोर्ट ने यह भी कहा कि जांच के दौरान आरोपियों द्वारा संभावित सबूतों से छेड़छाड़ को रोकने के लिए विशेष सतर्कता बरती जाए।
राजस्थान सरकार को भी निर्देश दिए गए हैं कि वह इस संगठित अपराध के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
पेपर लीक कांड का खुलासा: बस में कराई जा रही थी तैयारी
राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा 24 दिसंबर 2022 को आयोजित सेकेंड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा के दौरान पेपर लीक कांड का भंडाफोड़ हुआ। पुलिस को सूचना मिली थी कि उदयपुर में एक बस में अभ्यर्थियों को लीक प्रश्न-पत्र से परीक्षा की तैयारी कराई जा रही है।
कार्रवाई के दौरान पुलिस ने इस बस को रोका और जब तलाशी ली गई, तो उसमें सवार 39 अभ्यर्थियों और अन्य लोगों के पास से प्रश्न-पत्र की प्रतियां बरामद हुईं। जांच में पाया गया कि यह प्रश्न-पत्र वास्तविक परीक्षा प्रश्न-पत्र से 80 प्रतिशत तक मेल खा रहा था।
पेपर लीक माफिया: कौन-कौन हुए गिरफ्तार?
हाईकोर्ट ने 8 आरोपियों की जमानत खारिज की, जिनकी संलिप्तता इस संगठित अपराध में पाई गई थी। ये सभी विभिन्न स्तरों पर पेपर लीक नेटवर्क का हिस्सा थे।
1. विजय राज वर्मा:
- वह स्वयं अभ्यर्थी नहीं था, लेकिन अपने पद का दुरुपयोग करते हुए प्रश्न-पत्र लीक कराने में मुख्य भूमिका निभाई।
- उसने 8 से 10 लाख रुपए में प्रश्न-पत्र उपलब्ध कराने के सौदे किए थे।
2. राजीव कुमार उपाध्याय:
- जयपुर के ग्रीन फील्ड रिसॉर्ट में अभ्यर्थियों को लीक प्रश्न-पत्र देकर कोचिंग कराई थी।
3. पुखराज विश्नोई:
- व्हाट्सऐप के जरिए प्रश्न-पत्र प्राप्त कर परीक्षार्थियों तक पहुंचाने का काम किया।
4. राजीव विश्नोई:
- पूर्व सरकारी शिक्षक, जिसने 8-10 लाख में प्रश्न-पत्र खरीदा और इसे अपने संपर्कों के माध्यम से वितरित किया।
5. राम गोपाल मीणा:
- लीक प्रश्न-पत्र के वितरण और आर्थिक लेन-देन की निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
6. गामा राम खिलेरी:
- पटवारी, जिसने प्रश्न-पत्र को 8 लाख में खरीदा और 10 लाख में बेचा।
7. अनीता कुमारी मीणा:
- बैंक मैनेजर, जिसने अपने घर पर प्रश्न-पत्र की प्रिंटिंग और वितरण की व्यवस्था की।
8. गोपाल सिंह:
- सरकारी ड्राइवर, जिसने प्रमुख आरोपियों को राजस्थान लोक सेवा आयोग तक पहुंचाने में मदद की।
पेपर लीक कांड से हजारों छात्रों का भविष्य अंधकार में
पेपर लीक कांड की वजह से हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया। परीक्षा में बैठने वाले ईमानदार छात्रों ने इस मामले पर गहरा आक्रोश जताया और सरकार से दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
क्या होगी अगली कार्रवाई?
- राजस्थान हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि यह मामला सिर्फ पेपर लीक का नहीं, बल्कि संगठित अपराध है।
- ट्रायल कोर्ट को जल्द सुनवाई पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
- पुलिस और जांच एजेंसियां अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान करने में जुटी हैं।
- राज्य सरकार को सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं, जिससे इस तरह के अपराध दोबारा न हों।