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भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री जावेद कुरैशी निलंबित

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री जावेद कुरैशी निलंबित

मनीषा शर्मा। राजस्थान भाजपा में एक बड़ा राजनीतिक विवाद सामने आया है। अल्पसंख्यक मोर्चा की बैठक के दौरान हुए हंगामे के बाद भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री जावेद कुरैशी को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। बैठक में कथित तौर पर मंच पर हुए विवाद और हाथापाई के बाद पार्टी ने अनुशासनहीनता को लेकर यह सख्त कदम उठाया।

कैसे हुआ विवाद?

सूत्रों के अनुसार, भाजपा प्रदेश मुख्यालय में अल्पसंख्यक मोर्चा की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ भी मौजूद थे। बैठक के दौरान वरिष्ठ नेता जैकी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के स्वागत के लिए आगे बढ़े और उन्हें मंच पर लेकर आए। लेकिन जैसे ही वे प्रदेशाध्यक्ष के साथ मंच पर पहुंचे, अल्पसंख्यक मोर्चा के महामंत्री जावेद कुरैशी ने उन्हें मंच पर चढ़ने से रोक दिया।

जैकी को यह बात नागवार गुजरी और उन्होंने इसे अपना अपमान समझा। इसी बात पर मंच पर ही दोनों नेताओं के बीच बहस शुरू हो गई, जो जल्दी ही हाथापाई में बदल गई। देखते ही देखते दोनों नेता गुत्थम-गुत्था हो गए। मंच पर करीब 30 सेकंड तक यह घटनाक्रम चलता रहा, लेकिन प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने इसमें कोई दखल नहीं दिया और पूरे घटनाक्रम को शांत बैठकर देखते रहे।

पार्टी ने की सख्त कार्रवाई, जावेद कुरैशी निलंबित

इस पूरे मामले पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हामिद मेवाती ने संज्ञान लिया और तत्काल प्रभाव से जावेद कुरैशी को प्रदेश महामंत्री पद से निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया। पार्टी ने साफ कर दिया कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और संगठन में मर्यादा का पालन करना आवश्यक है।

भाजपा नेतृत्व का कहना है कि पार्टी में अनुशासन सर्वोपरि है और किसी भी नेता को इस तरह की हरकत करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। मामले की जांच जारी है और आगे पार्टी इस पर कोई और बड़ा फैसला भी ले सकती है।

भाजपा संगठन में अनुशासन की सख्त नीति

भाजपा हमेशा से संगठनात्मक अनुशासन को प्राथमिकता देती रही है। चाहे वह किसी भी स्तर का नेता हो, अनुशासनहीनता करने वालों पर कार्रवाई करने में पार्टी कोई कोताही नहीं बरतती। हाल के वर्षों में कई मामलों में पार्टी ने अपने नेताओं पर इसी तरह की कड़ी कार्रवाई की है।

राजस्थान में पहले भी भाजपा के अंदर कई बार गुटबाजी की खबरें सामने आई हैं, लेकिन इस तरह खुले मंच पर झगड़े की घटना ने पार्टी की छवि को धक्का पहुंचाया है।

क्या आगे और होगी कार्रवाई?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा इस मामले को यहीं खत्म नहीं करेगी। पार्टी नेतृत्व ने संकेत दिए हैं कि इस मामले की विस्तृत जांच होगी और दोषी पाए जाने पर आगे और सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

हालांकि, जावेद कुरैशी के निलंबन के बाद उनके समर्थकों में नाराजगी देखी जा रही है। वे इसे एकतरफा कार्रवाई मान रहे हैं और पार्टी नेतृत्व से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग कर रहे हैं।

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