मनीषा शर्मा। राजस्थान विधानसभा में जारी गतिरोध के बीच कांग्रेस विधायकों ने अनोखे तरीके से सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। जब सदन में विपक्ष की आवाज को दबाने का आरोप लगाया गया, तो कांग्रेस ने बाहर ही अपनी “डमी विधानसभा” लगा ली। इस अनोखे प्रदर्शन में कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा कार्यवाही का मंचन किया और सरकार पर जरूरी मुद्दों को न उठाने का आरोप लगाया।
डमी विधानसभा में कांग्रेस विधायक घनश्याम मेहर को अध्यक्ष बनाया गया, जबकि अन्य विधायकों ने सदन के सदस्य की भूमिका निभाई। इस दौरान सदन में पानी, शिक्षा और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई और सरकार पर इन विषयों से बचने का आरोप लगाया गया।
घनश्याम मेहर का व्यंग्यात्मक जवाब, लोग हंस पड़े
डमी विधानसभा में जब पानी और शिक्षा जैसे गंभीर मुद्दों पर बहस शुरू हुई, तो डमी अध्यक्ष बने घनश्याम मेहर ने सरकार पर व्यंग्य कसते हुए कहा, “सरकार की आंखों में ही पानी नहीं बचा, तो यहां पानी की बात कैसे होगी?” उनके इस बयान पर वहां मौजूद लोगों के बीच ठहाके गूंज उठे।
यह प्रदर्शन कांग्रेस विधायकों की नाराजगी को दिखाता है, जो लगातार सरकार पर जनता के मुद्दों की अनदेखी करने और विपक्ष की आवाज को दबाने का आरोप लगा रहे हैं।
कांग्रेस की मांग: निलंबित विधायकों की बहाली और जनता के मुद्दों पर चर्चा
कांग्रेस विधायकों ने इस विरोध प्रदर्शन के जरिए सरकार से दो मुख्य मांगें उठाईं—पहली, सदन से निलंबित किए गए विधायकों की बहाली, और दूसरी, शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी और कानून व्यवस्था जैसे अहम मुद्दों पर खुली बहस की अनुमति।
विधायकों का कहना है कि सरकार सदन में जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा नहीं कर रही और विपक्ष को बोलने नहीं दिया जा रहा। उनका आरोप है कि जब भी विपक्ष किसी गंभीर विषय को उठाता है, सरकार उसे टालने का प्रयास करती है।
कांग्रेस ने विशेष रूप से शिक्षा और पानी की समस्या पर चर्चा की जरूरत पर जोर दिया। पार्टी के विधायकों का कहना था कि प्रदेश में कई जगह स्कूलों की हालत खराब है, शिक्षकों की भारी कमी है और सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं नहीं हैं। इसके अलावा, जल संकट को लेकर भी सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
विधानसभा की कार्यवाही लगातार बाधित
कांग्रेस के इस अनोखे प्रदर्शन से यह साफ है कि राजस्थान विधानसभा में गतिरोध खत्म होने के फिलहाल कोई संकेत नहीं हैं। सरकार और विपक्ष के बीच टकराव लगातार जारी है, जिससे सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हो रही है।
पिछले कुछ दिनों से विधानसभा में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस हो रही है। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार विपक्ष को अपनी बात रखने नहीं दे रही, जबकि सत्ता पक्ष का कहना है कि कांग्रेस जानबूझकर सदन में हंगामा कर रही है।
क्या आगे भी जारी रहेगा गतिरोध?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, कांग्रेस के इस प्रदर्शन से सरकार पर दबाव जरूर बनेगा, लेकिन इसका असर सदन की कार्यवाही पर पड़ेगा या नहीं, यह कहना मुश्किल है। फिलहाल, कांग्रेस अपने रुख पर कायम है और सरकार को घेरने की रणनीति बना रही है।
वहीं, सत्ता पक्ष का कहना है कि कांग्रेस केवल सियासी स्टंट कर रही है और जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। सरकार का दावा है कि सदन में हर जरूरी मुद्दे पर चर्चा के लिए वे तैयार हैं, लेकिन कांग्रेस खुद ही हंगामा कर रही है।