शोभना शर्मा। राजस्थान विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायकों ने मंत्री अविनाश गहलोत के बयान और छह विधायकों के निलंबन के विरोध में आज (27 फरवरी) भी विधानसभा की कार्यवाही में भाग न लेने का फैसला किया है। कांग्रेस विधायक विधानसभा के पश्चिम द्वार पर धरना देंगे और अपनी मांगों पर अड़े रहेंगे। विधानसभा की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू होगी, जिसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उप-मुख्यमंत्री दिया कुमारी, चिकित्सा, संसदीय कार्य और वन विभाग से जुड़े सवालों के जवाब देंगे। इसके साथ ही नियम समिति की रिपोर्ट भी सदन में पेश की जाएगी।
बजट सत्र में अंतिम बहस और वित्तीय समितियों का गठन
राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में गुरुवार को बजट पर बहस का आखिरी दिन होगा, जिसमें सरकार की ओर से बहस पर जवाब पेश किया जाएगा। इसके अलावा, सदन में चार वित्तीय समितियों के गठन का प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया जाएगा:
- जन लेखा समिति
- प्राक्कलन समिति (क)
- प्राक्कलन समिति (ख)
- राजकीय उपक्रम समिति
प्रत्येक समिति में अधिकतम 15 सदस्य होंगे और इनका गठन विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में होगा।
डोटासरा बोले- “हम चाहते हैं सदन चले”
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बुधवार (26 फरवरी) को कहा कि कांग्रेस चाहती है कि सदन सुचारू रूप से चले और आम जनता के मुद्दों पर चर्चा हो। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि अगर सदन सुचारू रूप से चलेगा, तो सरकार की हकीकत सामने आ जाएगी। डोटासरा ने कहा, “हमने सदन में मंत्री के बयान को रिकॉर्ड से हटाने और माफी की मांग की थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उल्टा, हमारे छह विधायकों को निलंबित कर दिया गया। फिर भी, अगर सरकार वार्ता करना चाहेगी तो हमारे दरवाजे खुले हैं।”
“सरकार के अंदर ही खेमेबाजी” – कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस का आरोप है कि सरकार के अंदर ही गुटबाजी चल रही है और मंत्री कोई काम नहीं कर रहे हैं। डोटासरा ने कहा कि सरकार के मंत्री नहीं चाहते कि सदन चले, क्योंकि इससे उनकी कार्यशैली उजागर हो जाएगी।
मंत्री के बयान पर विवाद और निलंबन का मुद्दा
विधानसभा सत्र के दौरान मंत्री अविनाश गहलोत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर टिप्पणी की थी, जिसके बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन के वेल में आकर विरोध किया और नारेबाजी की। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत छह विधायकों को निलंबित कर दिया। कांग्रेस अब माफी और निलंबन रद्द करने की मांग पर अड़ी हुई है।
भावुक हुए विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी
मंगलवार (25 फरवरी) को विधानसभा में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा की गई टिप्पणी पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा कि सदन की गरिमा बनाए रखना सभी विधायकों की जिम्मेदारी है।