शोभना शर्मा। जयपुर-अजमेर हाईवे और उससे जुड़ी सर्विस लेन पर बगरू तक फैले अतिक्रमण को हटाने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत अब तक 105 अतिक्रमण हटा दिए गए हैं। यह जानकारी एनएचएआई के अधिकारियों ने मंगलवार को राजस्थान हाई कोर्ट में पेश की गई स्टेटस रिपोर्ट में दी।
हाई कोर्ट में जस्टिस इंद्रजीत सिंह और जस्टिस मनीष शर्मा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। एनएचएआई ने कोर्ट को बताया कि अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया जारी है और हाईवे को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त करने के लिए तेजी से कार्रवाई की जा रही है।
राज्य सरकार ने दिया प्रशासनिक सहायता का आश्वासन
राज्य सरकार की ओर से अदालत को आश्वस्त किया गया कि एनएचएआई द्वारा मांगी गई किसी भी प्रकार की प्रशासनिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के पूरी हो सके। कोर्ट ने इस बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए राज्य सरकार को इस मामले में सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए।
31 मार्च तक पूरा होगा भांकरोटा फ्लाईओवर का निर्माण
सुनवाई के दौरान अदालत में भांकरोटा फ्लाईओवर निर्माण का कार्य कर रही फर्म ने भी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। फर्म ने हाई कोर्ट को आश्वस्त किया कि फ्लाईओवर निर्माण का कार्य 31 मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा। हाईवे पर निर्माण कार्य की धीमी गति को लेकर दायर याचिका पर कोर्ट ने इस जवाब को भी रिकॉर्ड पर लेते हुए अगली सुनवाई की तिथि 18 मार्च निर्धारित की है।
हाईवे पर अतिक्रमण को लेकर कोर्ट सख्त, मॉनिटरिंग जारी रहेगी
जयपुर-अजमेर हाईवे पर अतिक्रमण और निर्माण कार्य की धीमी प्रगति को लेकर रायचंद चौधरी द्वारा हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने एनएचएआई से अतिक्रमण को लेकर स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी और फ्लाईओवर निर्माण फर्म से कार्य की प्रगति रिपोर्ट तलब की थी।
याचिकाकर्ता के वकील धर्मेंद्र चौधरी, कमलेश रोज और सीमा रोज ने अदालत में जोर देकर कहा कि हाईवे को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त किया जाए और निर्माण कार्य तय समयसीमा में पूरा हो। इस पर अदालत ने रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल को निर्देश दिया कि इस केस को निरंतर परमादेश (निरंतर जारी रहने वाली याचिका) की तरह ट्रीट किया जाए ताकि कोर्ट द्वारा इसकी निगरानी जारी रखी जा सके।
अतिक्रमण हटाने पर हाई कोर्ट का निर्देश
हाई कोर्ट ने एनएचएआई और राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए कि नेशनल और स्टेट हाईवे पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त होने चाहिए। कोर्ट ने कहा कि हाईवे पर किसी भी प्रकार के अतिक्रमण से यातायात में बाधा आती है और इससे सड़क हादसों की संभावना भी बढ़ती है।
क्या है पूरा मामला?
जयपुर-अजमेर हाईवे राजस्थान का एक महत्वपूर्ण मार्ग है, जो भारी यातायात भार को संभालता है। इस हाईवे के बगरू क्षेत्र तक 338 अतिक्रमण चिह्नित किए गए थे, जिनमें से अब तक 105 अतिक्रमण हटाए जा चुके हैं।
हाईवे पर बढ़ते अतिक्रमण और फ्लाईओवर निर्माण में देरी के कारण हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें मांग की गई थी कि हाईवे को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त किया जाए और फ्लाईओवर निर्माण को शीघ्र पूरा किया जाए।
कोर्ट के निर्देश के बाद तेज हुई कार्रवाई
हाई कोर्ट के निर्देशों के बाद एनएचएआई ने अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया में तेजी ला दी है। साथ ही, राज्य सरकार भी इसमें प्रशासनिक सहयोग देने के लिए तैयार है। अदालत द्वारा इस मामले की मॉनिटरिंग लगातार की जा रही है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि हाईवे पर निर्माण कार्य और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में कोई ढिलाई न बरती जाए।
जनता को होगा बड़ा फायदा
हाईवे पर अतिक्रमण हटने और भांकरोटा फ्लाईओवर का निर्माण पूरा होने से आम जनता को बड़ा फायदा मिलेगा। हाईवे पर ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी और यात्रा अधिक सुगम और सुरक्षित बनेगी। अदालत ने स्पष्ट किया कि हाईवे पर किसी भी प्रकार की अनधिकृत गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसे पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा।
अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी
हाई कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 18 मार्च की तारीख तय की है। इस दौरान अदालत एनएचएआई, राज्य सरकार और फ्लाईओवर निर्माण फर्म की प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा करेगी और आगे के निर्देश जारी करेगी।