मनीषा शर्मा। बीजेपी के संगठनात्मक चुनावों के तहत, पार्टी ने गुरुवार को एक और जिला अध्यक्ष का निर्वाचन किया। इस बार सिरोही जिले की कमान महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष रक्षा भंडारी को दी गई। इस निर्वाचन के साथ बीजेपी अब तक 27 जिलों में जिलाध्यक्ष चुन चुकी है। सिरोही जिलाध्यक्ष के रूप में रक्षा भंडारी का चुनाव पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है, क्योंकि सिरोही जिले में कुल 14 दावेदार थे, जिनमें से रक्षा भंडारी के नाम का ऐलान सर्वसम्मति से किया गया।
बीजेपी के लिए यह संगठन चुनाव बहुत अहम हैं, क्योंकि इससे पार्टी की आंतरिक संरचना और कार्यकर्ताओं के मनोबल को बल मिलेगा। बीजेपी के लिए यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि संगठन चुनाव निर्धारित समय से एक महीने पीछे चल रहे हैं। पार्टी को पहले 30 दिसंबर 2024 तक जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा करनी थी, लेकिन अब यह समय सीमा 31 जनवरी तक बढ़ा दी गई है। प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव की डेडलाइन भी 5 फरवरी तक तय की गई है।
बीजेपी में कुल 44 जिले हैं, और अब तक 27 जिलों में जिलाध्यक्षों का निर्वाचन हो चुका है। इसका मतलब है कि पार्टी के पास अभी भी 17 जिलों में जिलाध्यक्ष नियुक्त करना बाकी है। हालांकि, 31 जनवरी तक पार्टी का लक्ष्य है कि सभी जिलों में जिलाध्यक्ष निर्वाचित कर लिए जाएंगे। इसके बाद, 5 फरवरी तक प्रदेशाध्यक्ष का निर्वाचन किया जाएगा। बीजेपी के संविधान के अनुसार, प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव तभी हो सकता है, जब आधे से अधिक जिलाध्यक्ष चुने जा चुके हों। इस मानदंड को बीजेपी ने पूरा कर लिया है, जिससे यह संभावना बढ़ गई है कि 31 जनवरी के बाद पार्टी प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव करवा सकती है।
सिरोही जिलाध्यक्ष के लिए कुल 14 दावेदार थे। इनमें गणपतसिंह राठौड़, वीरेंद्र सिंह और पायल परसरामपुरिया जैसे प्रमुख नेता शामिल थे। इन दावेदारों में से किसे सिरोही का जिलाध्यक्ष बनाया जाएगा, इसका फैसला चुनाव प्रभारी शंकरसिंह राजपुरोहित द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया। उन्होंने सभी दावेदारों से व्यक्तिगत मुलाकात की और अंततः रक्षा भंडारी का नाम तय किया। रक्षा भंडारी का चुनाव सिरोही जिले के लिए पार्टी के एक नए अध्याय की शुरुआत कर सकता है, क्योंकि उनकी नियुक्ति एक महिला नेता को पद पर लाने के रूप में बीजेपी में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
रक्षा भंडारी की सफलता बीजेपी महिला मोर्चा के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। उनका निर्वाचन यह संकेत करता है कि पार्टी महिला कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने का पूरा मौका दे रही है, और महिला मोर्चा को पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर मिल रहा है। इसके साथ ही, महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति महिला सशक्तिकरण की दिशा में पार्टी की प्रतिबद्धता को स्पष्ट करती है।
बीजेपी की संगठनात्मक संरचना में किए जा रहे ये बदलाव पार्टी के भविष्य के दृष्टिकोण को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं में उत्साह का माहौल पैदा कर रहे हैं। जिलाध्यक्षों का चुनाव पार्टी की एकजुटता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करेगा, जिससे आने वाले चुनावों में बीजेपी की स्थिति और मजबूत होगी।