मनीषा शर्मा। राजस्थान में एक नए और खतरनाक वायरस के मामले सामने आए हैं। जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) जैसे लक्षणों से प्रभावित तीन मरीजों की पुष्टि हुई है। यह बीमारी नर्वस सिस्टम पर हमला करती है, जिससे मरीज को गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
मेडिकल विशेषज्ञों के अनुसार, यह वायरस मुख्य रूप से अस्वच्छ खान-पान और गंदगी के कारण फैलता है। खुले में रखे खाद्य पदार्थ, जैसे पानी-पूरी, चाट, पकौड़ी, ठंडी चटनी और दूषित पानी के सेवन से यह वायरस शरीर में प्रवेश कर सकता है।
कैसे हमला करता है यह वायरस?
एसएमएस हॉस्पिटल के सीनियर प्रोफेसर डॉ. दिनेश खंडेलवाल के अनुसार, इस वायरस से संक्रमित मरीज के शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी ही उसके लिए खतरा बन जाती है। वायरस शरीर में प्रवेश करने के बाद, इम्यून सिस्टम इसका मुकाबला करने के लिए एंटीबॉडी तैयार करता है। लेकिन यह एंटीबॉडी बैक्टीरिया के साथ-साथ नर्वस सिस्टम की कोशिकाओं पर भी हमला कर देती है।
इसका कारण यह है कि इस वायरस के मॉलिक्यूल्स, इंसानी नर्व सेल्स से काफी मिलते-जुलते होते हैं। नतीजतन, इम्यून सिस्टम गलती से नर्व सेल्स को भी नष्ट करने लगता है। इससे नर्व की कवरिंग डैमेज हो जाती है, जिससे इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स के फ्लो में रुकावट आने लगती है।
लक्षण: कैसे पहचानें इस वायरस को?
इस खतरनाक वायरस से संक्रमित मरीजों में शुरुआत में हल्के लक्षण नजर आते हैं, लेकिन समय के साथ यह गंभीर रूप ले सकते हैं। इसके प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:
आवाज में बदलाव या भारीपन महसूस होना
हाथ-पैरों में सुन्नपन या कमजोरी
चलने-फिरने में कठिनाई
शरीर में कंपन या झटके लगना
सांस लेने में तकलीफ (गंभीर मामलों में)
क्या है गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS)?
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक ऑटोइम्यून न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम गलती से अपने ही नर्वस सिस्टम पर हमला कर देती है। इस बीमारी में मरीज को मांसपेशियों में कमजोरी, झटके लगना और सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
हालांकि यह बीमारी पहले से ही मौजूद है, लेकिन हाल ही में इसके मामलों में तेजी देखी गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, अस्वच्छ भोजन और पानी इसके फैलने की प्रमुख वजह बन रहे हैं।
कैसे करें बचाव?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बीमारी से बचने के लिए साफ-सफाई और खान-पान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां इस प्रकार हैं:
खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों से बचें – सड़क किनारे बिकने वाले खाद्य पदार्थों, पानी-पूरी, चाट, पकौड़ी, ठंडी चटनी आदि का सेवन न करें।
साफ पानी पिएं – उबला हुआ या फिल्टर्ड पानी ही पिएं।
हाथ धोने की आदत डालें – हर बार खाने से पहले और बाहर से आने के बाद हाथ धोना जरूरी है।
स्वच्छता बनाए रखें – खाने-पीने के बर्तनों और स्थानों को साफ रखें।
ताजा और स्वच्छ भोजन करें – बासी और खुले में रखा खाना खाने से बचें।
इलाज और डॉक्टर की सलाह
अगर किसी व्यक्ति को इस वायरस के लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। शुरुआती चरण में इस बीमारी का इलाज संभव है, लेकिन देर होने पर यह गंभीर रूप ले सकती है।