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किरोड़ीलाल मीणा विधानसभा बजट सत्र में नहीं होंगे शामिल

किरोड़ीलाल मीणा विधानसभा बजट सत्र में नहीं होंगे शामिल

शोभना शर्मा। राजस्थान सरकार के कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने से इंकार करते हुए विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी को चिट्ठी लिखकर अनुपस्थिति की अनुमति मांगी है। उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए 4 फरवरी से विधानसभा सेशन में गैरहाजिर रहने की बात कही है। यह लगातार दूसरा बजट सत्र होगा, जब किरोड़ीलाल सदन में नहीं आएंगे। उनके इस निर्णय ने सियासी हलकों में कई चर्चाओं को जन्म दिया है।

किरोड़ीलाल का चिट्ठी लिखकर गैरहाजिर रहने का अनुरोध

किरोड़ीलाल मीणा ने विधानसभा स्पीकर को लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि वे व्यक्तिगत कारणों के चलते इस बार बजट सत्र में शामिल नहीं हो पाएंगे। अब उनके मंत्रालयों से संबंधित सवालों के जवाब देने के लिए सरकार ने अन्य मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंप दी है। उदाहरण के लिए, ग्रामीण विकास से जुड़े सवालों के जवाब पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर देंगे।

पिछले बजट सत्र के दौरान भी किरोड़ीलाल ने सदन से दूरी बनाई थी और उनके मंत्रालयों के सवालों का जवाब अन्य मंत्रियों ने दिया था। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने सदन से अनुपस्थित रहने का निर्णय लिया हो।

लोकसभा चुनाव के बाद इस्तीफा दिया, पर बाद में माने

2024 के लोकसभा चुनाव में दौसा सीट से बीजेपी की हार के बाद किरोड़ीलाल ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने तर्क दिया था कि जिस इलाके में उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी सेवा की, वहां से पार्टी की हार उनकी व्यक्तिगत विफलता है। हालांकि, पार्टी ने उनका इस्तीफा अस्वीकार कर दिया था और बाद में प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के आग्रह पर उन्होंने अपने विभागीय कार्यभार को संभालना शुरू किया।

पिछले बजट सत्र और कैबिनेट बैठकों में भूमिका

जुलाई 2024 में हुए बजट सत्र के दौरान भी किरोड़ीलाल विधानसभा नहीं गए थे। हालांकि, उस दौरान उन्होंने बाढ़ और अतिवृष्टि प्रभावित इलाकों में आपदा राहत मंत्री के रूप में सक्रिय भूमिका निभाई थी। हाल के दिनों में किरोड़ीलाल ने कैबिनेट की बैठकों में हिस्सा लिया और कई बार विभागीय कार्य भी किया। लेकिन अब उनके बजट सत्र में गैरहाजिर रहने की चिट्ठी ने राजनीतिक चर्चाओं को बढ़ावा दिया है।

राजनीतिक जानकार क्या कहते हैं?

किरोड़ीलाल का विधानसभा से गैरहाजिर रहना कई सियासी हलकों में नाराजगी से जोड़ा जा रहा है। उनकी लंबे समय से एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग थी, लेकिन सरकार ने हाल ही में हाईकोर्ट में भर्ती को रद्द न करने का तर्क दिया। माना जा रहा है कि किरोड़ीलाल इस फैसले से खासे नाराज हैं।

इसके अलावा, सरकार के कई अन्य मुद्दों पर भी किरोड़ीलाल की असहमति रही है। पिछले कुछ समय से उनकी सरकार के प्रति असंतोष खुलकर सामने आया है, जिससे उनके फैसले को राजनीतिक नाराजगी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

क्या हैं अगले कदम?

अब किरोड़ीलाल की अनुपस्थिति के दौरान उनके मंत्रालयों से जुड़े सवालों का जवाब देने की जिम्मेदारी अन्य मंत्रियों को दी गई है। ग्रामीण विकास, कृषि, आपदा प्रबंधन और जन अभियोग निराकरण जैसे विभागों के सवालों का उत्तर संबंधित मंत्रियों द्वारा दिया जाएगा।

एसआई भर्ती परीक्षा रद्द करने का मुद्दा

एसआई भर्ती परीक्षा को लेकर किरोड़ीलाल मीणा का सरकार के प्रति गुस्सा सार्वजनिक है। लंबे समय से वे इस परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार ने हाईकोर्ट में दिए गए जवाब में इस मांग को खारिज कर दिया। यह मुद्दा उनके नाराज होने के बड़े कारणों में से एक माना जा रहा है।

 

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