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जयपुर नगर निगम की बैठक में हंगामा: कांग्रेस-बीजेपी पार्षदों के बीच हाथापाई

जयपुर नगर निगम की बैठक में हंगामा: कांग्रेस-बीजेपी पार्षदों के बीच हाथापाई

मनीषा शर्मा। जयपुर नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा की बैठक में मंगलवार को कांग्रेस और बीजेपी पार्षदों के बीच तीखी बहस से शुरू हुआ विवाद हाथापाई तक पहुंच गया। दोनों पार्टियों के पार्षदों ने एक-दूसरे पर गाली-गलौज और अमर्यादित भाषा का उपयोग करने का आरोप लगाया है। बैठक के दौरान स्थिति इतनी बिगड़ गई कि मेयर को सभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना पड़ा।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

मंगलवार को जयपुर नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक के दौरान कांग्रेस पार्षद राजेश गुर्जर एक प्रस्ताव पर अपनी बात रख रहे थे। इसी बीच बीजेपी के एक पार्षद ने खड़े होकर कुछ टिप्पणी की। यह टिप्पणी विवाद की शुरुआत का कारण बनी।

दोनों पक्षों के बीच बहस बढ़ने लगी और जल्द ही मामला गाली-गलौज और हाथापाई तक पहुंच गया। दोनों पार्टियों के पार्षद वेल में उतर आए और एक-दूसरे पर शारीरिक हमले तक करने की कोशिश की।

मेयर ने बैठक स्थगित की

स्थिति को बेकाबू होते देख मेयर ने तुरंत बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। इस दौरान सदन में 150 में से केवल 81 पार्षद ही उपस्थित थे। डिप्टी मेयर पुनीत कर्णावट और कई समिति अध्यक्ष इस महत्वपूर्ण बैठक से अनुपस्थित रहे।

मुख्य एजेंडा और भाजपा का विरोध

बैठक का मुख्य एजेंडा नगर निगम की वर्किंग कमेटियों को भंग करने से जुड़ा था। इस प्रस्ताव को मेयर ने सरकार और संगठन पर दबाव बनाने के उद्देश्य से लाया था। हालांकि, बीजेपी के कुछ पार्षदों ने इस एजेंडे का विरोध किया और इसे प्रेशर पॉलिटिक्स करार दिया।

बीजेपी पार्षदों का एक धड़ा इस मुद्दे को पहले ही संगठन तक पहुंचा चुका था, लेकिन इसके बावजूद इसे बैठक के एजेंडे में शामिल किया गया। हालांकि, हंगामे और विवाद के चलते इस पर कोई चर्चा नहीं हो सकी।

डिप्टी मेयर और समितियों के चेयरमैन अनुपस्थित

बैठक के दौरान नगर निगम ग्रेटर की वर्किंग कमेटियों के कई चेयरमैन अनुपस्थित रहे। डिप्टी मेयर पुनीत कर्णावट, चेयरमैन सुखप्रीत बंसल, रश्मि सैनी, राखी राठौड़, विनोद चौधरी, शील धाभाई और अन्य वरिष्ठ सदस्यों ने बैठक में शामिल होने से दूरी बनाई। वहीं, चेयरमैन भारती लख्यानी बैठक के बीच में ही सदन छोड़कर चली गईं।

पिछले दिन का हंगामा और सफाई कर्मचारियों का विरोध

यह पहली बार नहीं है जब जयपुर नगर निगम की बैठक में हंगामा हुआ है। इससे पहले 27 जनवरी को भी साधारण सभा के दौरान नगर निगम के बाहर सफाई कर्मचारियों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे सफाई कर्मचारियों ने निगम के गेट पर कचरा और कीचड़ डाल दिया था।

प्रदर्शनकारियों की बढ़ती उग्रता के बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और उन्हें खदेड़ना पड़ा। इसके चलते बैठक को स्थगित करना पड़ा था।

पार्षदों के बीच गहरी खाई

जयपुर नगर निगम में कांग्रेस और बीजेपी पार्षदों के बीच लंबे समय से तनातनी देखी जा रही है। सदन में बहस और आरोप-प्रत्यारोप आम बात हो गई है। मंगलवार की घटना ने इस खाई को और गहरा कर दिया है।

कांग्रेस पार्षदों का कहना है कि बीजेपी पार्षद हमेशा बैठक में व्यवधान डालते हैं और अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए मुद्दे से ध्यान भटकाते हैं। वहीं, बीजेपी पार्षदों का आरोप है कि कांग्रेस पार्टी प्रेशर पॉलिटिक्स के जरिए अपनी बात मनवाना चाहती है।

प्रस्ताव पर चर्चा अधर में

मेयर द्वारा पेश किए गए वर्किंग कमेटियों को भंग करने के प्रस्ताव पर चर्चा हंगामे के चलते अधर में लटक गई। यह प्रस्ताव नगर निगम के प्रशासन और संचालन में सुधार के लिए लाया गया था। हालांकि, पार्षदों के बीच जारी विवाद और आपसी खींचतान के कारण नगर निगम का कामकाज प्रभावित हो रहा है।

 

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