शोभना शर्मा। राजस्थान में बीजेपी सरकार को एक साल पूरा हो चुका है। इस दौरान राज्य में अपराध पर सख्ती और प्रशासनिक सुधारों के कारण अपराध दर में गिरावट देखने को मिली। सरकार बदलने के साथ ही दर्ज FIR की संख्या में भारी कमी आई। साल 2023 में कांग्रेस सरकार के दौरान राज्य में लगभग 3.17 लाख FIR दर्ज हुई थीं, जबकि 2024 में बीजेपी सरकार के तहत यह आंकड़ा घटकर 2.97 लाख रह गया। इसका मतलब है कि इस अवधि में करीब 20,000 कम FIR दर्ज की गईं।
फ्री रजिस्ट्रेशन के बावजूद कम FIR दर्ज
राज्य में अपराध रोकने और शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए फ्री रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध है। इसके बावजूद FIR की संख्या में गिरावट दर्ज हुई। यह दर्शाता है कि अपराध के मामलों में कमी आई है। साथ ही, पुलिस ने त्वरित न्याय के सिद्धांत पर काम करते हुए शिकायतकर्ताओं को जल्द राहत देने का प्रयास किया। इससे लंबित मामलों की दर घटकर 3% से कम हो गई, जबकि केस डिस्पोजल दर 20% से घटकर 17% पर आ गई।
पुलिस का फोकस: त्वरित कार्रवाई और केस निपटान
बीजेपी सरकार के शासनकाल में पुलिस ने FIR दर्ज होते ही मामले को प्राथमिकता से निपटाने के निर्देश दिए। परिणामस्वरूप, कोटा रेंज केस डिस्पोजल में नंबर वन रही। इसके बाद बांसवाड़ा, पाली, और उदयपुर रेंज ने दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि जयपुर रेंज तीसरे स्थान पर रही।
चुनावी व्यस्तता के बावजूद बेहतर प्रदर्शन
डीजीपी यूआर साहू ने बताया कि लोकसभा और उपचुनावों के बावजूद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई और मामलों के निपटान पर जोर दिया। चुनावी व्यस्तता के बावजूद, पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने अनुकरणीय मेहनत कर अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने यह भी कहा कि त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए हर मामला सही तरीके से जांचा जा रहा है, ताकि कोई अपराधी बच न सके।
अपराध में कमी का मुख्य कारण
सख्त कानून व्यवस्था: बीजेपी सरकार ने कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई ठोस कदम उठाए।
मामलों की त्वरित जांच: FIR दर्ज होते ही मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए।
पुलिस की सक्रियता: राज्य में पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए शिकायतकर्ताओं को जल्द न्याय प्रदान किया।
फ्री रजिस्ट्रेशन की सुविधा: बिना किसी बाधा के शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया ने पुलिस और जनता के बीच विश्वास बढ़ाया।
रेंज-वार प्रदर्शन
राजस्थान की पांच मुख्य रेंज में केस निपटान और लंबित मामलों की दर में सुधार हुआ। कोटा रेंज सबसे आगे रही, जबकि बांसवाड़ा, पाली, और उदयपुर दूसरे स्थान पर रहे। जयपुर रेंज ने तीसरा स्थान हासिल किया।