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जयपुर में BRTS कॉरिडोर हटाने की तैयारी: जेडीए का प्रस्ताव

जयपुर में BRTS कॉरिडोर हटाने की तैयारी: जेडीए का प्रस्ताव

मनीषा शर्मा। जयपुर में बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) कॉरिडोर को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने राज्य सरकार को BRTS कॉरिडोर हटाने के लिए एक प्रस्ताव भेजा है। सरकार से अनुमति मिलने के बाद इस पर अगले महीने से काम शुरू हो सकता है। इस योजना के पहले चरण में अजमेर रोड और सीकर रोड के BRTS कॉरिडोर को हटाया जाएगा।

BRTS हटाने की योजना और प्रस्तावित बदलाव

जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने हाल ही में अपनी कार्यकारी समिति की बैठक में शहर में बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए कई अहम फैसले किए। इनमें अजमेर रोड और सीकर रोड पर BRTS कॉरिडोर हटाने और ट्रैफिक सुधार के लिए अंडरपास बनाने का प्रस्ताव शामिल है।

  • अजमेर रोड: जेडीए ने अजमेर रोड के 200 फीट चौराहे पर बढ़ते ट्रैफिक दबाव को देखते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) से अंडरपास बनाने की योजना पर चर्चा की है। इसके तहत अजमेर रोड पर लगभग 1 किलोमीटर लंबा BRTS कॉरिडोर हटाया जाएगा।
  • सीकर रोड: इसी तरह सीकर रोड पर भी ट्रैफिक सुधार के लिए 1.2 किलोमीटर लंबे BRTS कॉरिडोर को हटाने और NHAI द्वारा अंडरपास बनाने की योजना है।

इसके अलावा झोटवाड़ा एलिवेटेड रोड के निर्माण और पानीपेच से राव शेखा सर्किल तक पहले ही BRTS कॉरिडोर को हटा दिया गया है। न्यू सांगानेर रोड पर मेट्रो रूट के निर्माण के साथ ही BRTS कॉरिडोर पर भी निर्णय लिया जाएगा।

BRTS कॉरिडोर: विफलता की कहानी

BRTS प्रोजेक्ट जयपुर में ट्रैफिक समस्या को सुलझाने के लिए 2007 में शुरू किया गया था। इसके तहत 46 किलोमीटर लंबी बस आधारित यातायात प्रणाली का प्रस्ताव लाया गया। इस परियोजना में 50% राशि केंद्र सरकार, 20% राज्य सरकार और 30% जेडीए ने खर्च की थी।

इस योजना का उद्देश्य था कि लोग निजी वाहनों का उपयोग कम करें और BRTS बसों का इस्तेमाल करें। इससे यातायात दबाव और सड़क दुर्घटनाएं कम होनी थीं। लेकिन योजना के सही तरीके से क्रियान्वयन और संचालन में कमी के कारण यह विफल हो गई।

पूर्व मंत्री का विरोध और केंद्र की आपत्ति

2013 में कांग्रेस सरकार के परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने BRTS कॉरिडोर को “मौत का कुआं” बताया था और इसे हटाने की मांग की थी। हालांकि, उस समय के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने इस मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि परियोजना में केंद्र सरकार से 169 करोड़ रुपये मिले थे।

2022 में पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा में कहा कि BRTS कॉरिडोर को हटाने का निर्णय केंद्र सरकार की अनुमति के बिना नहीं लिया जा सकता। इस मुद्दे पर सचिव स्तर पर तीन आईएएस अधिकारियों की एक कमेटी भी बनाई गई, लेकिन उसकी रिपोर्ट कभी नहीं आई।

ट्रैफिक सुधार के लिए BRTS हटाने की जरूरत

जयपुर में बढ़ते ट्रैफिक दबाव के चलते BRTS कॉरिडोर अब परेशानी का सबब बनता जा रहा है। कॉरिडोर की संरचना और संचालन में खामियां इसे असफल बनाती हैं। सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ने के कारण BRTS रूट पर जाम की समस्या अधिक हो गई है। ऐसे में जेडीए और सरकार अब इसे हटाकर ट्रैफिक सुधार के लिए नए अंडरपास और अन्य उपायों पर काम कर रहे हैं।

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