मनीषा शर्मा। कोटा, जिसे भारत की कोचिंग राजधानी कहा जाता है, में लाखों विद्यार्थी अपने सपनों को साकार करने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। लेकिन इस सफर में कई बार तनाव और असफलताओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में विद्यार्थियों को प्रेरित करने और उनकी समस्याओं को समझने के लिए कोटा के जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने कोचिंग संस्थानों का दौरा किया।
कामयाब कोटा अभियान के तहत आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में कलेक्टर ने विद्यार्थियों से संवाद किया, उनके सवालों के जवाब दिए और अपने जीवन के अनुभव साझा किए। उनका उद्देश्य न केवल विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना था, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाना भी था, ताकि वे अपनी पढ़ाई और लक्ष्य के प्रति ईमानदार रह सकें।
सकारात्मकता और आत्मविश्वास का महत्व
डॉ. गोस्वामी ने क्लासरूम में विद्यार्थियों से बातचीत के दौरान कहा कि सकारात्मकता, आत्मविश्वास और मेहनत किसी भी सफलता की कुंजी हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को असफलता से घबराने के बजाय उससे सीख लेने और आगे बढ़ने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा, “आपका मुकाबला सिर्फ आपसे है। अपनी तुलना दूसरों से न करें। हर किसी की परिस्थितियां अलग होती हैं, और दूसरों की राय से प्रभावित होने की जरूरत नहीं है। अगर आप अपनी कमजोरी पहचानते हैं और उसे दूर करने के लिए ईमानदारी से मेहनत करते हैं, तो सफलता निश्चित है।”
सोशल मीडिया के सीमित उपयोग पर जोर
आज के समय में सोशल मीडिया विद्यार्थियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है। इस पर जोर देते हुए कलेक्टर ने कहा कि अच्छी संगत और सोशल मीडिया का सीमित उपयोग जीवन को सही दिशा में ले जाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे सोशल मीडिया पर समय बर्बाद करने के बजाय अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें। “आपकी प्राथमिकता आपकी पढ़ाई और आपका भविष्य है। सोशल मीडिया पर समय बर्बाद करने से बचें और इसका उपयोग सिर्फ अपनी पढ़ाई या जरूरी जानकारी के लिए करें।”
तनाव कम करने के टिप्स
कई विद्यार्थियों ने तनाव और पढ़ाई में मन न लगने की शिकायत की। इस पर कलेक्टर ने तनाव को कम करने के आसान उपाय सुझाए:
अटेंशन स्पान को समझें: अपने पढ़ाई के समय को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटें और प्रत्येक टारगेट पर ध्यान केंद्रित करें।
ब्रेक लें: जब पढ़ाई में मन न लगे तो थोड़ी देर का ब्रेक लें। अपनी पसंदीदा गतिविधि जैसे म्यूजिक सुनना, पेंटिंग करना या वॉक पर जाना, पर समय दें।
पर्याप्त नींद लें: कलेक्टर ने कहा कि दिन में 7-8 घंटे की पढ़ाई पर्याप्त है। लेकिन इसके साथ ही नियमित नींद और आराम भी जरूरी है।
शौक जिंदा रखें: अपने शौक को भी समय दें। यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगा।
कमजोर विषयों पर फोकस करें
विद्यार्थियों से बात करते हुए कलेक्टर ने इस बात पर जोर दिया कि कमजोर विषयों पर अधिक ध्यान देना चाहिए। “अपने कमजोर विषयों को पहचानें और उन्हें मजबूत बनाने के लिए ज्यादा मेहनत करें। लेकिन ध्यान रखें कि मेहनत के साथ-साथ खुद को मोटिवेट रखना भी उतना ही जरूरी है।” उन्होंने यह भी कहा कि विद्यार्थियों को खुद पर भरोसा रखना चाहिए और अपने लक्ष्य के प्रति अनुशासित रहना चाहिए।
कलेक्टर ने साझा किए अपने अनुभव
डॉ. गोस्वामी ने अपने जीवन के कुछ अनुभव भी विद्यार्थियों के साथ साझा किए। उन्होंने बताया कि जीवन में हर किसी को असफलताओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन वे हमें मजबूत बनाती हैं। “असफलता से घबराने के बजाय उससे सीख लें और उसे अपनी प्रेरणा बनाएं।” एक छात्र के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब भी आप किसी चुनौती का सामना करें, तो उसे सकारात्मक दृष्टिकोण से देखें। उन्होंने कहा, “जीवन में हर कठिनाई आपको कुछ सिखाने के लिए आती है। उसे अपनाएं और आगे बढ़ें।”
कामयाब कोटा अभियान का उद्देश्य
कामयाब कोटा अभियान का उद्देश्य न केवल कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले लाखों विद्यार्थियों को प्रेरित करना है, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना भी है। इस अभियान के तहत जिला प्रशासन नियमित रूप से कोचिंग संस्थानों का दौरा करता है और विद्यार्थियों से बातचीत करता है। जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी का यह दौरा न केवल विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक रहा, बल्कि उनके सवालों का जवाब देकर उन्होंने उनकी कई समस्याओं का समाधान भी किया। उनकी सलाह – “सकारात्मक सोच, आत्मविश्वास, अनुशासन और मेहनत” – हर विद्यार्थी के लिए सफलता की कुंजी साबित हो सकती है। ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों को न केवल पढ़ाई में बेहतर बनाने में मदद करते हैं, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी मजबूत बनाते हैं।