शोभना शर्मा। जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) में 110 पदों पर भर्ती प्रक्रिया एक बार फिर अटक गई है। लंबे समय से इन पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को लेकर चर्चा चल रही है, लेकिन बार-बार नियमों और प्रावधानों में संशोधन की जरूरत के चलते यह प्रक्रिया अधर में लटकी रही। JDA ने अब भर्ती नियमों में संशोधन की तैयारी शुरू कर दी है, जिसके बाद जल्द ही राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) और राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB) को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
110 पदों पर होनी है भर्ती
जयपुर विकास प्राधिकरण में कुल 110 पदों पर भर्ती की जानी है। इनमें जूनियर लॉ ऑफिसर (JLO) के 10 पद RPSC के माध्यम से भरे जाएंगे। वहीं, शेष 100 पदों पर भर्ती कर्मचारी चयन बोर्ड के जरिए होगी। इनमें जूनियर अकाउंटेंट के 15, जूनियर असिस्टेंट (LDC) के 75, और स्टेनोग्राफर के 10 पद शामिल हैं।
भर्ती प्रक्रिया बार-बार क्यों अटकी?
जेडीए में रिक्त पदों पर भर्ती का प्रस्ताव पहली बार 23 अक्टूबर 2021 को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को भेजा गया था। बोर्ड ने प्रस्ताव यह कहते हुए लौटा दिया कि पदों की योग्यता अन्य विभागों के समान रखी जाए। इसके बाद JDA ने अपने नियमों में संशोधन किया।
दूसरी बार, फरवरी 2022 में JDA ने प्रस्ताव भेजा। इस बार चयन बोर्ड ने कंप्यूटर दक्षता परीक्षा और भर्ती प्रक्रिया में चयन बोर्ड की भूमिका को शामिल करने की आपत्ति जताई। एक बार फिर JDA को अपने नियमों में बदलाव करने पड़े।
पिछले साल नवंबर में, तीसरी बार RPSC और कर्मचारी चयन बोर्ड को प्रस्ताव भेजा गया। इस बार लोक सेवा आयोग ने न्यूनतम आयु सीमा को अन्य विभागों के अनुरूप करने की मांग की।
66% पद खाली, काम पर असर
जेडीए की कुल स्वीकृत कैडर स्ट्रेंथ 1,932 है, लेकिन वर्तमान में 66% पद रिक्त हैं। स्थापना के बाद से कई कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जिससे महज एक तिहाई स्टाफ पर ही जेडीए का कार्यभार टिका है। इसमें प्रतिनियुक्ति पर आए कर्मचारी भी शामिल हैं।
नियमों में तीसरी बार संशोधन
नियमों में संशोधन के लिए जेडीए की कार्यकारी समिति ने हाल ही में राजस्थान सरकार के सेवा नियमों के अनुसार बदलाव की मंजूरी दी है। अब यह प्रस्ताव उच्चाधिकार समिति को भेजा जाएगा। उच्चाधिकार समिति की स्वीकृति के बाद संशोधित नियमों की अधिसूचना जारी होगी। इसके बाद RPSC और कर्मचारी चयन बोर्ड को पुनः प्रस्ताव भेजा जाएगा।
RPSC और कर्मचारी चयन बोर्ड की भूमिका
भर्ती प्रक्रिया में RPSC और कर्मचारी चयन बोर्ड की भूमिका अहम है। RPSC के माध्यम से जूनियर लॉ ऑफिसर के 10 पदों पर भर्ती की जाएगी, जबकि बाकी पदों के लिए कर्मचारी चयन बोर्ड जिम्मेदार होगा।
भर्ती प्रक्रिया में देरी का असर
बार-बार प्रक्रिया के अटकने से न केवल JDA के कामकाज पर असर पड़ा है, बल्कि इससे युवाओं में भी निराशा का माहौल बना है। JDA जैसे महत्वपूर्ण विभाग में लंबे समय से खाली पड़े पदों के कारण प्राधिकरण की कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है।
नियम संशोधन के बाद उम्मीदें बढ़ीं
अब जब जेडीए ने तीसरी बार नियमों में संशोधन कर लिया है, तो उम्मीद है कि भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। इसके लिए JDA ने प्रस्ताव को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
क्या है JDA का इतिहास?
जयपुर विकास प्राधिकरण का गठन 5 अगस्त 1982 को हुआ था। प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य जयपुर शहर के विकास और नगर नियोजन से जुड़े कार्यों का संचालन करना है। लेकिन कर्मचारियों की भारी कमी के चलते कई योजनाएं और प्रोजेक्ट देरी से पूरे हो रहे हैं।