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दौसा उपचुनाव में भाई की हार पर फिर छलका मंत्री किरोड़ी लाल का दर्द

दौसा उपचुनाव में भाई की हार पर फिर छलका मंत्री किरोड़ी लाल का दर्द

शोभना शर्मा।  2024 में हुए दौसा विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। यह हार भाजपा नेता और मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा के लिए व्यक्तिगत रूप से काफी दुखदाई रही। भाई की इस हार को लेकर किरोड़ी लाल मीणा अभी तक भावनात्मक रूप से उबर नहीं पाए हैं। शनिवार को उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने दिल की बात साझा की, जिसमें उन्होंने इस हार के पीछे विरोधियों की साजिश का आरोप लगाया।

महाभारत के अभिमन्यु से की तुलना

किरोड़ी लाल मीणा ने अपने भाई को ‘गाय’ जैसे सीधे-सादे स्वभाव का व्यक्ति बताते हुए कहा कि जिस प्रकार महाभारत में अभिमन्यु को फंसाकर मारा गया था, उसी तरह उनके भाई को भी विरोधियों ने निशाना बनाया। उन्होंने कहा, “अगर अभिमन्यु को रास्ता याद होता तो वह बच सकता था। हमें भी सही रास्ता समझने में चूक हो गई, और इसी कारण हम फंस गए।”

राजनीतिक गलियारों में हलचल

किरोड़ी लाल मीणा के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। सोशल मीडिया पर भी इस बयान को लेकर बहस छिड़ गई है। विपक्षी नेताओं ने इसे भाजपा की हार को लेकर आत्ममंथन करने का सही समय बताया, जबकि भाजपा समर्थकों ने इसे सच्चे नेता का दर्द करार दिया।

इस्तीफे की स्थिति पर दी सफाई

किरोड़ी लाल मीणा ने अपने इस्तीफे को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि एसआई भर्ती परीक्षा के रद्द होने के मामले में उनका इस्तीफा अभी तक मुख्यमंत्री के पास विचाराधीन है। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाता, वे अपनी जिम्मेदारियों को निभाते रहेंगे। “जनता ने मुझे चुना है, इसलिए मैं अपने कर्तव्यों से पीछे नहीं हट सकता,” उन्होंने कहा।

दौसा उपचुनाव में हार की कहानी

दौसा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार डीसी बैरवा ने भाजपा के जगमोहन मीणा को 2300 वोटों से हराकर जीत दर्ज की। कांग्रेस के डीसी बैरवा को 75,536 वोट मिले, जबकि भाजपा के जगमोहन मीणा को 73,236 वोटों से संतोष करना पड़ा। यह हार भाजपा के लिए न केवल एक राजनीतिक झटका थी, बल्कि किरोड़ी लाल मीणा के लिए व्यक्तिगत रूप से भी एक बड़ा आघात साबित हुई।

हार के कारणों पर सवाल

किरोड़ी लाल मीणा ने हार के पीछे कई राजनीतिक कारणों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार उनके भाई को चुनाव में फंसाया गया, वह एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा था। “मेरे भाई को राजनीतिक रूप से कमजोर करने की कोशिश की गई,” उन्होंने कहा।

कांग्रेस की रणनीति और बीजेपी की चूक

विश्लेषकों के अनुसार, कांग्रेस की मजबूत चुनावी रणनीति और जमीनी स्तर पर प्रचार ने उन्हें इस उपचुनाव में बढ़त दिलाई। वहीं, भाजपा के अंदरूनी मतभेद और सही समय पर ठोस रणनीति न बना पाना भी हार का एक बड़ा कारण माना जा रहा है।  किरोड़ी लाल मीणा ने अपने समर्थकों को आश्वासन दिया कि यह हार अंत नहीं है। उन्होंने कहा, “हमने हार से सीख ली है, और भविष्य में इससे भी बेहतर तरीके से चुनाव लड़ेंगे।”

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