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नीम का थाना जिला निरस्तीकरण मामला हाईकोर्ट पहुंचा

नीम का थाना जिला निरस्तीकरण मामला हाईकोर्ट पहुंचा

मनीषा शर्मा। राजस्थान में जिलों के निरस्तीकरण का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य सरकार द्वारा हाल ही में 9 नए जिलों और 3 संभागों को निरस्त करने का निर्णय लिया गया था, जो अब उसके लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। गंगापुर सिटी के बाद अब नीम का थाना से जिला दर्जा समाप्त करने का मामला भी राजस्थान हाईकोर्ट तक पहुंच गया है।

पूर्व विधायक रमेश खंडेलवाल ने नीम का थाना से जिला दर्जा खत्म किए जाने के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। उनका आरोप है कि यह निर्णय न केवल जनभावनाओं के खिलाफ है, बल्कि इसे राजनीतिक द्वेष के चलते लिया गया है। खंडेलवाल ने कहा कि नीम का थाना जिला बनने के सभी मानकों को पूरा करता है। पूर्ववर्ती सरकार ने प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने और क्षेत्रीय विकास को ध्यान में रखते हुए नीम का थाना को जिला बनाया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे वापस ले लिया।

राजनीतिक द्वेष का आरोप

खंडेलवाल ने राज्य सरकार पर राजनीतिक द्वेष का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही बदले की भावना से इस निर्णय को लिया। उनका तर्क है कि पिछले तीन-चार दशकों से क्षेत्र में जिला बनाए जाने की मांग हो रही थी। पूर्व आईएएस अधिकारी रामलुभाया की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में नीम का थाना को जिला बनाए जाने की सिफारिश की थी। इसके आधार पर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इस क्षेत्र को जिला घोषित किया था।

उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय पूरी तरह से राजनीतिक द्वेष का परिणाम है। जिस तरह से गंगापुर सिटी और अन्य क्षेत्रों के जिलों को निरस्त किया गया है, उसी प्रकार नीम का थाना के मामले में भी जनता की भावनाओं को अनदेखा किया गया।

जिला दर्जा वापस पाने की मांग

खंडेलवाल ने स्पष्ट किया कि वह और क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधि मिलकर इस निर्णय के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि चाहे आंदोलन करना पड़े या अदालत की शरण लेनी पड़े, लेकिन नीम का थाना को वापस जिला बनवा कर ही दम लेंगे। उन्होंने भाजपा विधायक शुभकरण चौधरी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे इस गंभीर मुद्दे पर चुप क्यों हैं।

खंडेलवाल ने क्षेत्रीय विकास और जनता की जरूरतों का हवाला देते हुए कहा कि जिला का दर्जा वापस लाना न केवल प्रशासनिक सुधारों के लिए आवश्यक है, बल्कि यह क्षेत्र के लाखों लोगों की भावनाओं का भी सवाल है। उन्होंने सरकार पर अपील की कि वह अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे और इस मामले में त्वरित कार्रवाई करे।

हाईकोर्ट में बढ़ता विवाद

गंगापुर सिटी के मामले में कांग्रेस विधायक रामकेश मीणा द्वारा पहले ही याचिका दायर की जा चुकी है। अब नीम का थाना का मामला भी हाईकोर्ट पहुंचने के बाद यह मुद्दा और गहरा गया है।

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