मनीषा शर्मा। जयपुर-अजमेर हाईवे पर 20 दिसंबर को हुए भीषण एलपीजी ब्लास्ट के बाद करीब एक महीने बाद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने हादसे वाली जगह पर बने कट को बंद कर दिया है। शनिवार सुबह यह निर्णय लागू करते हुए रिंग रोड पर ट्रैफिक को डायवर्ट कर 200 फीट सेज रोड से गुजारा गया। इस कदम का मुख्य उद्देश्य हादसों की पुनरावृत्ति रोकने और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
ट्रैफिक डायवर्जन की व्यवस्था
NHAI के अनुसार, हादसे वाली जगह से लगभग 4 किलोमीटर पहले 200 फीट सेज रोड के जंक्शन पर बने फ्लाईओवर के नीचे से ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया है। अजमेर और किशनगढ़ से आने वाले वाहन इस नए रूट से होकर नेवटा के पास रिंग रोड में मिलेंगे। इसी तरह, महापुरा जाने वाले कट को भी आज शाम तक बंद किया जाएगा।
रिंग रोड से आने वाले ट्रैफिक, जिसे सीकर और दिल्ली की ओर जाना है, के लिए भी नए डायवर्जन की योजना बनाई गई है। अब इस ट्रैफिक को कंचन केसरी रिसोर्ट के पास कट से यूटर्न कराने की बजाय 200 फीट सेज रोड के फ्लाईओवर के नीचे से डायवर्ट किया जाएगा।
मुहाना के पास ट्रैफिक मर्ज होगा
सेज रोड से आने वाले वाहन महिंद्रा सेज और नेवटा बांध को पार करते हुए मुहाना गांव के पास रिंग रोड में मिलेंगे। यह कदम यातायात को सुचारु रूप से संचालित करने और भीड़भाड़ को कम करने के लिए उठाया गया है।
हादसे का दर्दनाक विवरण
20 दिसंबर को हुए इस भयावह हादसे में 27 लोग 80% तक झुलस गए थे। इनमें से 20 लोगों की जान चली गई। हादसे में 4 लोग तो मौके पर ही जिंदा जल गए थे, जबकि 8 लोगों ने उसी दिन अस्पताल में दम तोड़ दिया। मरने वालों में पूर्व आईएएस अधिकारी करणी सिंह भी शामिल थे। हादसे की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 5 शवों की पहचान डीएनए सैंपल से करनी पड़ी।
सुरक्षा के उपाय और सिफारिशें
NHAI की कमेटी ने हादसे के बाद सुरक्षा उपायों पर जोर देते हुए सिफारिश की थी कि इस कट को स्थायी रूप से बंद कर दिया जाए। कमेटी की इन सिफारिशों के आधार पर अब सभी संबंधित कट बंद कर दिए गए हैं।