मनीषा शर्मा। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने BJP और RSS पर केंद्रीय संस्थानों और एजेंसियों पर कब्जा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने UGC (University Grants Commission) के नए ड्राफ्ट नियमों को उच्च शिक्षा को बर्बाद करने वाला बताया। गहलोत ने इस मसले पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार और RSS के एजेंडे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।
गहलोत ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से BJP और RSS का मुख्य प्रयास देश की सभी संस्थाओं को अपने नियंत्रण में लेने का रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि आज ED, CBI, इनकम टैक्स, दिल्ली पुलिस जैसी संस्थाओं के साथ-साथ स्वतंत्र संगठनों जैसे चुनाव आयोग तक को सरकार के दबाव में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
न्यायपालिका पर दबाव और संस्थागत पक्षपात पर चिंता
गहलोत ने न्यायपालिका के स्वतंत्र होने पर सवाल उठाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जजों ने भी सरकार के दबाव का जिक्र किया है। उन्होंने इसे देश के लिए खतरनाक स्थिति बताते हुए कहा कि पूरे देश को इन संस्थानों की पक्षपातपूर्ण कार्यशैली पर चिंता है।
उन्होंने राहुल गांधी के बयानों का समर्थन करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य देशवासियों को जागरूक करना है। लेकिन भाजपा इस मुद्दे पर ध्यान भटकाने और महंगाई, बेरोजगारी जैसे मूलभूत सवालों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रही है।
UGC के नए नियम: RSS के एजेंडे की शुरुआत?
गहलोत ने UGC द्वारा प्रस्तावित नए ड्राफ्ट प्रावधानों पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि इन नियमों के तहत विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर बनने के लिए एकेडमिशियन होने की आवश्यकता खत्म कर दी जाएगी। इसके अलावा राज्यों के विश्वविद्यालयों में भी वाइस चांसलर की नियुक्ति केंद्र सरकार करेगी।
गहलोत का मानना है कि यह संघीय व्यवस्था के साथ खिलवाड़ है, क्योंकि इससे राज्यों के अधिकारों में कटौती होगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नए नियमों के जरिए RSS विचारकों और चहेतों को नियुक्त करने का रास्ता तैयार किया जा रहा है।
उच्च शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव
गहलोत ने कहा कि इन नियमों से विश्वविद्यालयों में अनुबंधित प्रोफेसरों की संख्या केवल 10% तक सीमित हो सकेगी। इससे योग्य उम्मीदवारों के बजाय RSS और BJP के समर्थकों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे कदम देश की उच्च शिक्षा प्रणाली को बर्बाद कर देंगे।
ED और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग पर सवाल
गहलोत ने ED पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में ED की मंशा पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि एजेंसी का उद्देश्य केवल लोगों को डराना और जेल में बंद रखना है। यह केंद्र सरकार की जनता को दबाने की नीति का हिस्सा है।