शोभना शर्मा। जयपुर, जिसे गुलाबी नगरी के नाम से जाना जाता है, एक बार फिर से साहित्य प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनने वाला है। 30 जनवरी 2025 से ‘जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल’ (जेएलएफ) का 18वां संस्करण शुरू होगा, जो 3 फरवरी 2025 तक चलेगा। यह महोत्सव साहित्य, कला, संवाद और संस्कृति का भव्य संगम है, जो हर साल देश-विदेश से हजारों साहित्य प्रेमियों और लेखक-कलाकारों को आकर्षित करता है।
साहित्य और संवाद का उत्सव
इस वर्ष का जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल साहित्य और संवाद के विविध पहलुओं पर केंद्रित है। लोकतंत्र, समानता, न्याय और संवैधानिक आदर्श जैसे महत्वपूर्ण विषयों के साथ-साथ इसमें क्राइम फिक्शन, जीवनी, संस्मरण, गैस्ट्रोनॉमी, नाटक, सिनेमा, इतिहास और संस्कृति से जुड़े सेशन्स भी शामिल किए गए हैं। यह मंच विभिन्न विषयों पर खुली चर्चा और विचारों के आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करता है।
विश्व स्तर पर पहचान बना चुका फेस्टिवल
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल को इसकी सह-निदेशक विलियम डेलरिम्पल ने ‘दुनिया का सबसे बड़ा साहित्यिक उत्सव’ कहा है। यह फेस्टिवल न केवल पुरस्कार विजेता लेखकों को मंच प्रदान करता है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर विभिन्न विचारधाराओं और संस्कृतियों का संगम भी है।
प्रमुख वक्ताओं की सूची
इस वर्ष के फेस्टिवल में नोबेल और पुलित्जर पुरस्कार विजेताओं के साथ-साथ बुकर पुरस्कार से सम्मानित लेखक भी हिस्सा लेंगे।
- नोबेल पुरस्कार विजेता: अभिजीत बनर्जी, एस्थर डुफ्लो और वेंकी रामकृष्णन।
- बुकर पुरस्कार विजेता: गीतांजलि श्री, अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित हिंदी लेखिका।
- पुलित्जर विजेता: स्टीफन ग्रीनब्लाट, साहित्यिक आलोचक।
- अन्य वक्ता: जावेद अख्तर, इम्तियाज अली, मानव कौल, और गोपालकृष्ण गांधी।
संस्कृति और कला का अनोखा संगम
इस फेस्टिवल की एक और खासियत यह है कि इसमें थिएटर, सिनेमा और कला के दिग्गज भी भाग लेंगे। इस बार साइन लैंग्वेज और इंटर्प्रिटेशन सेशन्स भी जोड़े गए हैं, जो इसे और समावेशी बनाते हैं।
स्थान और समय
फेस्टिवल जयपुर के प्रसिद्ध डिग्गी पैलेस में आयोजित किया जाएगा। सेशन्स का समय सुबह से लेकर शाम तक तय किया गया है, जिसमें विभिन्न पैनल डिस्कशन, वर्कशॉप्स और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां शामिल होंगी।
कैसे पहुंचे फेस्टिवल तक
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में भाग लेने के लिए आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। जयपुर हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन फेस्टिवल स्थल से निकट है, जिससे देश-विदेश से आने वाले लोगों के लिए यात्रा आसान हो जाती है।
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का महत्व
यह फेस्टिवल न केवल साहित्य का जश्न है, बल्कि यह लोकतंत्र, संस्कृति और विविधता का भी प्रतीक है। यह महोत्सव लेखकों और पाठकों को एक साथ लाने का काम करता है और विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है।
समापन
30 जनवरी से 3 फरवरी तक जयपुर में आयोजित होने वाला यह फेस्टिवल साहित्य और कला प्रेमियों के लिए एक अनूठा अनुभव होगा। अगर आप साहित्य, संस्कृति और संवाद में रुचि रखते हैं, तो इस फेस्टिवल में शामिल होना न भूलें।