मनीषा शर्मा। देवली-उनियारा उपचुनाव में एसडीएम को थप्पड़ मारने और इसके बाद हुई हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी नरेश मीणा को बुधवार को राजस्थान हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली। कोर्ट ने मामले की सुनवाई एक सप्ताह के लिए टालते हुए पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट और आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड मंगवाने का निर्देश दिया।
मामले की शुरुआत और थप्पड़ का विवाद
10 दिसंबर को टोंक जिले के समरावता गांव में देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान मतदान का बहिष्कार किया गया। निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने ग्रामीणों के साथ धरना दिया और अधिकारियों पर जबरन मतदान कराने का आरोप लगाया। इस बीच, पोलिंग बूथ पर पहुंचे नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी से बहस के दौरान उन्हें थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद वह धरने पर लौट गए।
हिंसा और गिरफ्तारी की घटना
थप्पड़कांड के बाद, प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव हुआ। नरेश मीणा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया, लेकिन उनके समर्थकों ने बड़ी संख्या में पहुंचकर उन्हें पुलिस हिरासत से छुड़ा लिया। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया और पथराव तथा आगजनी की घटनाएं हुईं। गांव में माहौल तनावपूर्ण हो गया।
हाईकोर्ट की सुनवाई और पुलिस की टिप्पणी
नरेश मीणा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की। अदालत ने कहा, “एक तो चोरी, ऊपर से सीना जोरी।” कोर्ट ने पुलिस से घटना की पूरी तथ्यात्मक रिपोर्ट और नरेश मीणा का रिकॉर्ड प्रस्तुत करने को कहा।
मीणा के वकील फतेहराम मीणा ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल को जानबूझकर फंसाया जा रहा है। वकील ने आरोप लगाया कि पुलिस अन्य मामलों में गिरफ्तारी कर रिहाई को रोकने का प्रयास कर रही है।
नरेश पर दर्ज एफआईआर और आरोप
नरेश मीणा के खिलाफ चार एफआईआर दर्ज की गई हैं।
एसडीएम द्वारा दर्ज एफआईआर: इसमें ईवीएम से छेड़छाड़ और मारपीट के आरोप हैं।
पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर: इसमें आगजनी और हिंसा के आरोप हैं।
हाईवे जाम: नरेश पर रास्ता जाम करने का मामला दर्ज किया गया।
रिटर्निंग ऑफिसर की एफआईआर: इसमें ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप है।
इनमें से दो मामलों में नरेश को गिरफ्तार किया गया, जबकि अन्य दो मामलों में अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
ग्रामीणों और पुलिस के बीच तनाव
थप्पड़कांड और हिंसा के चलते समरावता गांव में तनाव बना रहा। पुलिस ने हिंसा में शामिल 61 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें से 18 लोगों को जिला अदालत और 40 को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। तीन नाबालिगों को भी जमानत पर रिहा किया गया।
सियासी माहौल और प्रशासनिक सख्ती
इस घटना ने सियासी गलियारों में भी हलचल मचा दी है। नरेश मीणा को उनके समर्थक निर्दोष बता रहे हैं, जबकि प्रशासन और पुलिस सख्ती से जांच कर रहे हैं।
आगे की कार्रवाई
हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद तय की है। तब तक पुलिस को तथ्यात्मक रिपोर्ट और आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया गया है।