latest-newsअलवरउदयपुरजयपुरझुंझुनूदौसाराजस्थानसीकर

राजस्थान बना इंग्लिश प्रोफिशिएंसी में दिल्ली के बाद दूसरा राज्य

राजस्थान बना इंग्लिश प्रोफिशिएंसी में दिल्ली के बाद दूसरा राज्य

शोभना शर्मा।  पियर्सन ग्लोबल इंग्लिश प्रोफिशिएंसी रिपोर्ट 2024 ने भारत में अंग्रेजी बोलने और समझने के ट्रेंड्स को एक नए दृष्टिकोण से पेश किया है। 6 जनवरी 2025 को जारी इस रिपोर्ट ने इंग्लिश स्किल्स के मामले में भारत के राज्यों की रैंकिंग का खुलासा किया। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली इंग्लिश बोलने में सबसे आगे है, और राजस्थान ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इसने भारत के बढ़ते डिजिटल और ग्लोबलाइज्ड वातावरण में अंग्रेजी के महत्व को फिर से रेखांकित किया है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत का औसत अंग्रेजी बोलने का स्कोर 57 है, जो वैश्विक औसत 54 से अधिक है। हालांकि, इंग्लिश स्किल्स में भारत का कुल एवरेज स्कोर 52 है, जो कि ग्लोबल एवरेज 57 से थोड़ा कम है। दिलचस्प बात यह है कि भारत में अंग्रेजी लिखने के स्किल्स का औसत स्कोर 61 है, जो वैश्विक औसत से मेल खाता है। यह भारत में बढ़ती डिजिटल कम्युनिकेशन आवश्यकताओं और ग्लोबल बिजनेस की बढ़ती जरूरतों को दर्शाता है।

दिल्ली और राजस्थान: इंग्लिश प्रोफिशिएंसी के दो धुरंधर

रिपोर्ट में सबसे ज्यादा इंग्लिश बोलने वाले राज्यों में दिल्ली का स्कोर 63 है, जो इसे शीर्ष पर रखता है। वहीं, राजस्थान ने 60 के स्कोर के साथ दूसरा स्थान हासिल किया है। पंजाब 58 के स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है। यह डेटा बताता है कि राजस्थान जैसे राज्यों में अंग्रेजी स्किल्स के महत्व को समझा गया है, और वहां की नई पीढ़ी इसे आत्मसात कर रही है।

इंग्लिश स्किल्स में क्षेत्रीय और सेक्टोरल विविधता

रिपोर्ट ने यह भी खुलासा किया कि भारत के विभिन्न सेक्टर्स में इंग्लिश स्किल्स का स्तर अलग-अलग है। वित्त और बैंकिंग सेक्टर 63 के उच्चतम स्कोर के साथ सबसे आगे है। यह वैश्विक औसत 56 से काफी अधिक है। इसके विपरीत, हेल्थकेयर सेक्टर का स्कोर 45 है, जो अपेक्षाकृत कम है। हेल्थकेयर में यह गिरावट नौकरियों में तेज वृद्धि और विभिन्न स्तरों पर पहुंच में सुधार पर केंद्रित होने के कारण है।

टेक्नोलॉजी, कंसल्टिंग, और बीपीओ सेक्टर्स ने भी मजबूत प्रदर्शन किया है, जो इंग्लिश स्किल्स के महत्व को इन क्षेत्रों में अच्छी तरह दर्शाता है।

भारत का ग्लोबल इंग्लिश कनेक्शन

रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने वैश्विक औसत से ऊपर प्रदर्शन कर यह सिद्ध कर दिया है कि अंग्रेजी यहां के लोगों के लिए सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि एक आवश्यक स्किल बन गई है। यह खासकर ग्लोबल बिजनेस, डिजिटल कम्युनिकेशन और रोजगार के नए अवसरों में सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading