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जूनियर असिस्टेंट भर्ती: हाईकोर्ट ने प्रोबेशनल लिस्ट पर रोक लगाई

जूनियर असिस्टेंट भर्ती: हाईकोर्ट ने प्रोबेशनल लिस्ट पर रोक लगाई

मनीषा शर्मा। राजस्थान हाईकोर्ट ने जूनियर असिस्टेंट भर्ती 2023 के तहत प्रोबेशन-ट्रेनियों की नियमित नियुक्तियों पर रोक लगाई है। यह आदेश जस्टिस समीर जैन की बेंच ने याचिकाकर्ता राम सिंह यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। अदालत ने राजस्थान हाउसिंग बोर्ड से मामले पर जवाब मांगा है और फाइनल सुनवाई की तारीख 23 जनवरी 2025 तय की है।

भर्ती प्रक्रिया का विवाद

राजस्थान हाउसिंग बोर्ड ने 12 अगस्त 2023 को जूनियर असिस्टेंट पद के लिए भर्ती की विज्ञप्ति जारी की थी। स्क्रीनिंग टेस्ट 11 सितंबर 2023 को आयोजित किया गया था। इसके बाद बोर्ड ने चयनित उम्मीदवारों की प्रोविजनल लिस्ट निकाली। लेकिन इस प्रक्रिया में कई बार बदलाव किए गए, जिससे अभ्यर्थियों में असंतोष बढ़ गया।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता निखिल कुमावत ने बताया कि बोर्ड ने चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती।

  • याचिका के अनुसार, बोर्ड को प्रत्येक पद के लिए 15 गुना अभ्यर्थी बुलाने थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

  • बोर्ड ने 13 अगस्त 2024 को 50 पदों के लिए मात्र 136 उम्मीदवारों की प्रोविजनल लिस्ट जारी की, जबकि यह संख्या तीन गुना के हिसाब से 150 होनी चाहिए थी।

  • डॉक्युमेंट्स वेरिफिकेशन के बाद फाइनल लिस्ट में 44 अभ्यर्थियों के नाम शामिल किए गए।

याचिकाकर्ता का दावा

याचिकाकर्ता का कहना है कि उसके कट-ऑफ से अधिक अंक होने के बावजूद उसे चयन सूची में शामिल नहीं किया गया। इस चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और नियमों का पालन नहीं हुआ, जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई।

कोर्ट का निर्णय

हाईकोर्ट ने इस मामले में राजस्थान हाउसिंग बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए प्रोबेशनल लिस्ट को फाइनल करने पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि जब तक चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता और नियमों का पालन सुनिश्चित नहीं किया जाता, तब तक नियुक्तियों पर रोक रहेगी।

हाउसिंग बोर्ड से जवाब तलब

कोर्ट ने हाउसिंग बोर्ड से पूछा है कि क्यों भर्ती प्रक्रिया में निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया गया। बोर्ड को 23 जनवरी 2025 को मामले की फाइनल सुनवाई में अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है।

भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप

याचिकाकर्ता का आरोप है कि चयन प्रक्रिया में बार-बार बदलाव किए गए और हर बार नई लिस्ट जारी की गई। इसके कारण चयन प्रक्रिया की वैधता पर सवाल उठने लगे।

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