latest-newsअलवरउदयपुरजयपुरझुंझुनूदौसाराजस्थानसीकर

हर संत का अतीत होता है, हर पापी का भविष्य: हाईकोर्ट

हर संत का अतीत होता है, हर पापी का भविष्य: हाईकोर्ट

मनीषा शर्मा। जयपुर हाईकोर्ट ने पाकिस्तानी नागरिक की हत्या के मामले में दोषी पाए गए कैदी भजन मीणा को ओपन जेल में भेजने का आदेश दिया है। जस्टिस अनूप ढंड की अदालत ने इस मामले में जेल प्रशासन के आदेश को खारिज करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति के सुधार और पुनर्वास का अधिकार उसकी पिछली गलतियों से छीना नहीं जा सकता। कोर्ट ने “हर संत का अतीत होता है और हर पापी का भविष्य” का उल्लेख करते हुए यह निर्णय सुनाया।

कैदी भजन मीणा की याचिका पर फैसला

भजन मीणा, जो पहले से हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था, ने जेल प्रशासन द्वारा उसकी ओपन जेल में ट्रांसफर की एप्लीकेशन खारिज करने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जेल प्रशासन ने 24 जनवरी 2024 को उसकी प्रार्थना खारिज कर दी थी। लेकिन हाईकोर्ट ने इस आदेश को रद्द करते हुए कहा कि केवल इस आधार पर कि याचिकाकर्ता ने जेल में एक पाकिस्तानी कैदी की हत्या की थी, उसे सुधार और पुनर्वास का अवसर नहीं दिया जा सकता।

कोर्ट का दृष्टिकोण: सुधार और पुनर्वास का अधिकार

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि किसी भी दोषी को सुधार और पुनर्वास का मौका दिया जाना चाहिए ताकि वह समाज में एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपनी जगह बना सके। कोर्ट ने यह भी कहा कि जेलों को केवल दंडात्मक संस्थान के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि उन्हें कैदियों के मानसिक और नैतिक सुधार का माध्यम बनना चाहिए।

जेल का माहौल और सुधार के उद्देश्य पर अदालत की टिप्पणी

अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि कई बार जेल का माहौल और कैदियों के साथ किया जाने वाला व्यवहार उनके सुधार और पुनर्वास के उद्देश्य को विफल कर देता है। कोर्ट ने कहा, “अपराध करने वाले व्यक्ति को कभी खारिज नहीं करना चाहिए। बल्कि, उसके अंदर के अपराधी मन को बदलने का प्रयास करना चाहिए।”

कैदी का आचरण रहा संतोषजनक

हाईकोर्ट ने कैदी भजन मीणा के आचरण की सराहना करते हुए कहा कि जेल में उसके व्यवहार के आधार पर उसे कभी भी सजा नहीं दी गई। इसके अलावा, उसे 24 मई 2023 को हाईकोर्ट द्वारा 20 दिन की पैरोल दी गई थी। पैरोल का लाभ उठाने के बाद वह शांतिपूर्वक जेल लौट आया। यह तथ्य उसकी सुधारात्मक प्रवृत्ति को दर्शाता है।

हत्या और सजा का विवरण

भजन मीणा पहले से हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। इसी दौरान जेल में उसका एक पाकिस्तानी कैदी के साथ झगड़ा हो गया। इस झगड़े में उसने पाकिस्तानी कैदी की हत्या कर दी। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने 10 जनवरी 2020 को उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। हाईकोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा।

जेल प्रशासन का निर्णय और हाईकोर्ट का रुख

पाकिस्तानी कैदी की हत्या के मामले को आधार बनाते हुए जेल प्रशासन ने भजन मीणा की ओपन जेल में ट्रांसफर की एप्लीकेशन को खारिज कर दिया। लेकिन हाईकोर्ट ने इस फैसले को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए भी, कैदी के सुधार और पुनर्वास के अधिकार से इनकार नहीं किया जा सकता।

न्याय और समाज के प्रति अदालत की सोच

कोर्ट ने कहा कि जेल, दंडात्मक संस्थान होने के साथ-साथ सुधारात्मक संस्थान भी हैं। यदि किसी व्यक्ति को सुधारने की प्रक्रिया में बाधा डाली जाती है, तो समाज के प्रति न्याय का उद्देश्य अधूरा रह जाता है। अदालत ने यह भी कहा कि एक कैदी को समाज में दोबारा समायोजित करने की प्रक्रिया में समर्थन देना हमारी जिम्मेदारी है।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading