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नागौर में आरएसएस का पथ संचलन: मदरसे और दरगाह से पुष्पवर्षा

नागौर में आरएसएस का पथ संचलन: मदरसे और दरगाह से पुष्पवर्षा

मनीषा शर्मा।   नागौर जिले में रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विशेष पथ संचलन का आयोजन किया गया। मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में हजारों स्वयंसेवकों ने भाग लिया। स्वयंसेवकों ने अनुशासन, समर्पण और एकता का परिचय देते हुए 6100 मीटर लंबे मार्ग पर संचलन किया। इस आयोजन में शहरवासियों ने विशेष उत्साह दिखाया, और कई स्थानों पर पुष्पवर्षा के साथ स्वयंसेवकों का स्वागत किया गया।

पथ संचलन में दिखा अनुशासन और शारीरिक दक्षता

पथ संचलन का शुभारंभ रविवार दोपहर 12:30 बजे हुआ। स्वयंसेवकों ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा—सफेद शर्ट, खाकी पैंट, काली टोपी और हाथों में दंड (डंडा) लिए घोष वादन करते हुए संचलन की शुरुआत की। संचलन के दौरान स्वयंसेवकों ने दंड प्रदर्शन, नियुद्ध (शस्त्र रहित आत्मरक्षा), आसन, योग और गीत का प्रदर्शन किया।

गांधी चौक पर भक्ति-शक्ति का मिलन

पथ संचलन के दो दलों ने अलग-अलग मार्गों से यात्रा की। भक्ति धारा दल अहिंसा सर्किल, नया दरवाजा, त्रिपोलिया और लोहियों का चौक होकर निकला, जबकि शक्ति धारा दल रेलवे स्टेशन, नकास गेट और रामपोल होते हुए गुजरा। ठीक 3:33 बजे गांधी चौक पर दोनों धाराओं का संगम हुआ। यहां उपस्थित लोगों ने भक्ति-शक्ति के अद्भुत मिलन का साक्षी बनते हुए स्वयंसेवकों का फूलों से स्वागत किया।

मदरसे और दरगाह पर पुष्पवर्षा

आरएसएस के पथ संचलन के दौरान नागौर के हन्फिया सूफिया मदरसे और बड़ी पीर साहब की दरगाह पर मुस्लिम समुदाय ने पुष्पवर्षा की। गांधी चौक स्थित मदरसे की छत से स्वयंसेवकों पर फूल बरसाए गए। मदरसे के प्रधानाचार्य मोहम्मद अहसान ने इस अवसर पर आगंतुकों के लिए विशेष प्रबंध किए। दरगाह के पास भी मुस्लिम बंधुओं ने स्वयंसेवकों का स्वागत करते हुए सामाजिक समरसता और भाईचारे का संदेश दिया।

वाद्य यंत्रों की धुन पर घोष वादन और समापन

गांधी चौक से संचलन आगे बढ़ा और दिल्ली दरवाजा होते हुए विजय वल्लभ चौक पर समाप्त हुआ। इस दौरान भारतीय संगीत और वाद्य यंत्रों की धुन पर घोष वादन हुआ। कार्यक्रम का समापन माली समाज भवन में हुआ, जहां आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया।

संघ के शताब्दी वर्ष का विशेष महत्व

आरएसएस के राजस्थान क्षेत्र कार्यवाह जसवंत खत्री ने कहा कि मकर संक्रांति संघ के लिए विशेष महत्व रखता है। उन्होंने कहा कि तिल और गुड़ के लड्डू सामाजिक समरसता का प्रतीक हैं। जैसे ये लड्डू विभिन्न तत्वों को जोड़ते हैं, वैसे ही हमें समाज को एकजुट करना चाहिए।

आयोजन में सभी का योगदान

नगर संघ चालक मांगीलाल बंसल ने जिला प्रशासन, पुलिस, व्यापारियों और अन्य संगठनों का इस आयोजन में सहयोग करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पथ संचलन ने नागौर की सामाजिक और सांस्कृतिक समरसता को नए आयाम दिए हैं।

 

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