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CBSE स्कूलों को 8 फरवरी तक वेबसाइट सार्वजनिक करने का आदेश

CBSE स्कूलों को 8 फरवरी तक वेबसाइट सार्वजनिक करने का आदेश

शोभना शर्मा। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एक बार फिर अपने संबद्ध स्कूलों को निर्देशित किया है कि वे 8 फरवरी 2025 तक अपनी व्यक्तिगत और कार्यात्मक वेबसाइटें सार्वजनिक करें। इसके साथ ही शिक्षकों की जानकारी और अन्य निर्धारित दस्तावेज अपलोड करना अनिवार्य होगा। बोर्ड ने चेतावनी दी है कि ऐसा न करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

निर्देशों का पालन अनिवार्य

CBSE के सचिव हिमांशु गुप्ता द्वारा जारी आदेश के अनुसार, मार्च 2021 में स्कूलों को यह निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद कई स्कूलों ने इन निर्देशों का पालन नहीं किया। कुछ स्कूलों ने वेबसाइट बनाई है, लेकिन उसे सार्वजनिक नहीं किया। अन्य मामलों में, कुछ स्कूलों ने आवश्यक दस्तावेज अपलोड नहीं किए हैं, आंशिक रूप से किए हैं, या फिर उनके द्वारा अपलोड किए गए दस्तावेजों के लिंक निष्क्रिय पाए गए हैं।

वेबसाइट पर आवश्यक जानकारी और दस्तावेज

CBSE ने स्पष्ट किया है कि वेबसाइट पर निम्नलिखित जानकारी और दस्तावेज स्पष्ट और पूरी तरह से अपलोड होने चाहिए:

  1. शिक्षकों की जानकारी: सभी शिक्षकों की योग्यता, अनुभव और अन्य विवरण।

  2. स्कूल की मूलभूत जानकारी: पता, संपर्क विवरण, प्रबंधन की संरचना।

  3. प्रस्तावित शुल्क विवरण: वर्तमान और आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए शुल्क संरचना।

  4. पाठ्यक्रम: शैक्षणिक पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों की सूची।

  5. पिछले तीन वर्षों का परीक्षा परिणाम: CBSE परीक्षा में स्कूल के प्रदर्शन का रिकॉर्ड।

लापरवाही पर कठोर कार्रवाई

CBSE ने अपने निर्देश में कहा है कि जो स्कूल अब भी इस निर्देश की अनदेखी करेंगे, उनके खिलाफ CBSE संबद्धता नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई स्कूल की मान्यता रद्द करने से लेकर आर्थिक दंड तक हो सकती है।

आखिरी मौका

CBSE ने इसे स्कूलों के लिए अंतिम मौका करार दिया है। 8 फरवरी 2025 तक सभी स्कूलों को अपनी वेबसाइट पर सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करना होगा कि अपलोड किए गए दस्तावेज और जानकारी के लिंक सक्रिय हों और इन्हें होमपेज पर प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाए।

CBSE का सख्त रुख

बोर्ड का कहना है कि इन निर्देशों का पालन न केवल पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए है, बल्कि छात्रों और अभिभावकों के हित में भी है। इससे अभिभावकों को स्कूलों की संरचना और कार्यप्रणाली के बारे में स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी।

आगे की कार्रवाई

CBSE ने स्पष्ट किया है कि स्कूलों को इन निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। बोर्ड की निरीक्षण टीम इन दस्तावेजों और जानकारी की जांच करेगी। यदि किसी स्कूल की वेबसाइट पर कोई कमी पाई जाती है, तो उसे जुर्माने का सामना करना पड़ेगा।

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