शोभना शर्मा। जयपुर को स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 में शीर्ष स्थान पर लाने के लिए हैरिटेज नगर निगम ने सफाई को लेकर कड़े कदम उठाने का फैसला किया है। इसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाने वालों पर ऑनलाइन चालान काटा जाएगा। खुले में थूकने, नहाने, पेशाब करने, और पालतू जानवरों के गंदगी करने पर ₹200 से ₹5000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
डबल शिफ्ट में सफाई अभियान:
हैरिटेज नगर निगम कमिश्नर अरुण हसीजा ने बताया कि जयपुर को स्वच्छता सर्वेक्षण में शीर्ष स्थान पर लाने के लिए निगम द्वारा कई नए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत शहर की कॉलोनियों में सफाई के लिए विशेष स्वीपरों की पहचान की जाएगी। व्यावसायिक इलाकों में डबल शिफ्ट में सफाई की जाएगी, ताकि गंदगी के किसी भी स्रोत को तुरंत खत्म किया जा सके।
इसके अलावा, नालों, पार्कों, और स्कूलों की सफाई की अलग से मॉनिटरिंग की जाएगी। निगम ने यह सुनिश्चित करने का भी लक्ष्य रखा है कि शहर में कहीं भी खुले में कचरा डिपो, रेड स्पॉट या येलो स्पॉट नजर न आएं।
ऑनलाइन चालान की प्रक्रिया:
निगम ने शहर को गंदा करने वालों पर सख्ती दिखाने के लिए ऑनलाइन चालान प्रणाली शुरू की है। इसके तहत नगर निगम के चीफ सैनिटरी इंस्पेक्टर (CSI) को एक विशेष मोबाइल ऐप प्रदान किया गया है। यह ऐप चालान काटने की प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाएगा।
कमिश्नर ने बताया कि ऐप में विभिन्न प्रकार की गंदगी से संबंधित जुर्माने की जानकारी दी गई है। इसके साथ ही, CSI को हर महीने एक निश्चित संख्या में चालान काटने का टारगेट भी दिया गया है।
जुर्माने की श्रेणियां:
खुले में थूकना: ₹200
सार्वजनिक स्थानों पर पेशाब करना: ₹500
पालतू जानवरों के गोबर या पेशाब पर जुर्माना: ₹200 से ₹5000 तक
साफ-सफाई में मॉनिटरिंग:
हैरिटेज नगर निगम ने स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए नाले, पार्क और अन्य सार्वजनिक स्थानों की नियमित सफाई और मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, ओपन कचरा डिपो को खत्म करने के लिए जोन स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है।
सफाई कर्मचारियों को प्रशिक्षण:
कमिश्नर ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए वैज्ञानिक तरीकों से अंक दिए जाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, सफाई कर्मचारियों और चीफ सैनिटरी इंस्पेक्टर को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जोन वाइज मीटिंग में कर्मचारियों को उनके दायित्व और सर्वेक्षण में उनके योगदान के महत्व को समझाया जा रहा है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर कर्मचारी अपनी भूमिका को बेहतर तरीके से निभा सके।
आईईसी एक्टिविटी से जागरूकता:
स्वच्छता अभियान के तहत जागरूकता बढ़ाने के लिए सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। लोगों को गंदगी फैलाने के दुष्परिणाम और जुर्माने की जानकारी दी जा रही है। इसके बावजूद यदि गंदगी फैलाने वाले नियम तोड़ते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी:
जयपुर हैरिटेज नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 में जयपुर को शीर्ष स्थान पर लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। इसमें प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
नालों की सफाई: नियमित मॉनिटरिंग
रेड और येलो स्पॉट खत्म करना: खुले में कचरा डंपिंग पर पाबंदी
सार्वजनिक स्थलों की सफाई: स्कूलों, पार्कों और व्यावसायिक क्षेत्रों में विशेष सफाई अभियान
डबल शिफ्ट में सफाई: वाणिज्यिक इलाकों में ज्यादा सफाई कर्मचारी तैनात
नियम तोड़ने वालों के लिए सख्ती:
शहर में स्वच्छता बनाए रखने के लिए नगर निगम ने सख्त रुख अपनाया है। CSI के जरिए चालान और जुर्माने की प्रक्रिया तेज की जाएगी। यह कदम न केवल गंदगी को रोकने में मदद करेगा, बल्कि शहरवासियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक भी करेगा।
निगम की अपील:
नगर निगम ने सभी शहरवासियों से अपील की है कि वे स्वच्छता बनाए रखने में सहयोग करें। पालतू जानवरों को सार्वजनिक स्थानों पर शौच या पेशाब करने से रोकें और यदि ऐसा होता है, तो गंदगी को साफ करें।