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एसआई भर्ती परीक्षा मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को दिए कड़े निर्देश

एसआई भर्ती परीक्षा मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को दिए कड़े निर्देश

शोभना शर्मा।  राजस्थान में एसआई भर्ती परीक्षा को लेकर चल रहे विवाद पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए कि स्टे ऑर्डर की सही से पालना की जाए। साथ ही, अगली सुनवाई से पहले सरकार को कोई नया आदेश जारी करने से भी रोक दिया गया है। इस महत्वपूर्ण मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी को तय की गई है।

फील्ड ट्रेनिंग पर उठा सवाल

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने फील्ड ट्रेनिंग को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि फील्ड ट्रेनिंग का आदेश कोर्ट की अवमानना है। वहीं, सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने कोर्ट को बताया कि फील्ड ट्रेनिंग कोई नया आदेश नहीं है, बल्कि यह ट्रेनिंग का ही हिस्सा है।

पेपर लीक और भर्ती रद्द की मांग

इस विवाद की जड़ पेपर लीक का मामला है। याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि पेपर लीक की पुष्टि होने के बाद पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया जाए। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने भी अपनी जांच में परीक्षा को रद्द करने की सिफारिश की है। एसओजी की रिपोर्ट में बताया गया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) परीक्षाओं पर प्रभावी नियंत्रण रखने में विफल रहा है।

एसओजी की कार्रवाई और निलंबन

एसआई भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसओजी ने 45 से अधिक ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार किया था। इनमें से कई को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। रिहाई के बाद उन्हें फील्ड ट्रेनिंग के लिए जिलों में भेज दिया गया था। हालांकि, पेपर लीक की जांच और संदिग्ध गतिविधियों के चलते अब तक 20 ट्रेनी एसआई को निलंबित किया जा चुका है।

हालिया निलंबन

5 जनवरी को कुल 9 ट्रेनी एसआई को सस्पेंड किया गया। इससे पहले, 3 जनवरी को 11 एसआई को निलंबित किया गया था। निलंबित अधिकारियों में जयपुर, कोटा और उदयपुर रेंज में तैनात एसआई शामिल हैं। यह घटनाएं राजस्थान पुलिस में चल रहे विवाद और भ्रष्टाचार के आरोपों को और गहराती हैं।

आगे की राह

इस मामले में हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि अगली सुनवाई से पहले कोई आदेश जारी नहीं होगा। 9 जनवरी को होने वाली सुनवाई में यह तय होगा कि सरकार द्वारा फील्ड ट्रेनिंग के आदेश को अवमानना माना जाए या नहीं। इसके साथ ही पेपर लीक के कारण पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने की मांग पर भी कोर्ट का फैसला अहम होगा।

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