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पेपरलीक मामले में 9 और ट्रेनी SI सस्पेंड: राजस्थान पुलिस में बढ़ी सख्ती

पेपरलीक मामले में 9 और ट्रेनी SI सस्पेंड: राजस्थान पुलिस में बढ़ी सख्ती

मनीषा शर्मा। राजस्थान में 2021 की एसआई भर्ती परीक्षा पेपरलीक मामले में बड़ा कदम उठाते हुए 9 और ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर (SI) को निलंबित कर दिया गया है। इनमें से 8 ट्रेनी बीकानेर रेंज के और 1 अजमेर रेंज के हैं। इस मामले में अब तक कुल 45 ट्रेनी SI की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें से 20 को अब तक सस्पेंड किया गया है।

बीकानेर और अजमेर रेंज में सख्त कार्रवाई

रविवार को बीकानेर रेंज के आईजी ओमप्रकाश ने 8 ट्रेनी SI को निलंबित किया। इनमें करणपाल गोदारा, जयराम, मनीष बेनीवाल, श्रवण कुमार, मनीषा, अंकिता गोदारा, मंजू विश्नोई, और मंजू देवी शामिल हैं। इनमें से मंजू विश्नोई बीकानेर में और मंजू देवी हनुमानगढ़ जिले में पोस्टेड थीं, जबकि बाकी को श्रीगंगानगर जिला आवंटित किया गया था।

अजमेर रेंज के आईजी ओमप्रकाश ने सुभाष विश्नोई नामक ट्रेनी SI को निलंबित किया है। इस कार्रवाई से पहले, 3 जनवरी को जयपुर और उदयपुर रेंज में 11 ट्रेनी SI को निलंबित किया गया था।

पेपरलीक मामले में अब तक 20 SI सस्पेंड

पेपरलीक मामले में अब तक कुल 20 ट्रेनी SI को निलंबित किया जा चुका है। 3 जनवरी को, जयपुर, उदयपुर और कोटा रेंज के आईजी ने 11 ट्रेनी SI को सस्पेंड किया था। यह कार्रवाई राजस्थान सिविल सर्विस (क्लासिफिकेशन, कंट्रोल एंड अपील) रूल्स 1958 के तहत की गई। इस नियम के अनुसार, किसी सरकारी कर्मचारी के 48 घंटे पुलिस हिरासत में रहने पर उसे निलंबित किया जाता है।

पुलिस हिरासत और हाईकोर्ट में याचिका

पेपरलीक मामले में गिरफ्तार 45 ट्रेनी SI में से 25 को जमानत मिल चुकी है। 6 अन्य आरोपी, जिनका चयन तो हुआ था, लेकिन उन्होंने जॉइन नहीं किया, उन्हें भी गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस मुख्यालय ने मई 2024 में इस मामले में विभागीय कार्रवाई शुरू करने के लिए आदेश दिया था, लेकिन इसे सरकार और पुलिस मुख्यालय से हरी झंडी मिलने तक रोक दिया गया था। इस बीच, हाईकोर्ट में पुलिस मुख्यालय के फील्ड ट्रेनिंग पर भेजने के आदेश को चुनौती दी गई है। इस पर सुनवाई 6 जनवरी को होनी है।

2021 की पुलिस भर्ती परीक्षा: विवादों में उलझा मामला

2021 की पुलिस भर्ती परीक्षा राजस्थान में अब तक के सबसे बड़े पेपरलीक घोटालों में से एक बन गई है। इस मामले में एसओजी ने बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां कीं और जांच के दौरान सामने आया कि ट्रेनी SI ने परीक्षा में धांधली की थी।

यह विवाद उस समय और बढ़ गया जब पुलिस मुख्यालय ने 31 दिसंबर 2024 को 25 ट्रेनी SI के लिए प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के पोस्टिंग ऑर्डर जारी किए। इसके कुछ दिनों बाद, इन ट्रेनी SI में से कई को सस्पेंड कर दिया गया।

राजस्थान पुलिस का रुख

राजस्थान पुलिस ने इस मामले में सख्त कदम उठाते हुए ट्रेनी SI को सस्पेंड करने का सिलसिला शुरू किया। बीकानेर रेंज के आईजी ओमप्रकाश, अजमेर रेंज के आईजी ओमप्रकाश, और जयपुर रेंज के आईजी अजयपाल लांबा ने अपने-अपने क्षेत्र के ट्रेनी SI पर कार्रवाई की।

पुलिस विभाग इस मामले में पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता बरतने का दावा कर रहा है। पुलिस का कहना है कि जिन अधिकारियों पर आरोप साबित होंगे, उन्हें विभागीय कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

पेपरलीक मामले का व्यापक प्रभाव

राजस्थान के पेपरलीक मामले ने राज्य की भर्ती प्रक्रियाओं पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। इससे न केवल पुलिस विभाग की छवि को नुकसान पहुंचा है, बल्कि उम्मीदवारों के मनोबल पर भी असर पड़ा है।

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