मनीषा शर्मा। जयपुर एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग की सतर्कता के चलते सोना तस्करी का बड़ा मामला सामने आया है। शारजाह से सुबह 5 बजे पहुंची फ्लाइट में सवार एक युवक को अंडर गारमेंट में 3.5 किलो गोल्ड छुपाकर लाने के आरोप में पकड़ा गया। बरामद सोने की कीमत करीब 2 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
यह युवक राजस्थान का रहने वाला है और पहले भी कई बार यूएई से सोने की तस्करी कर चुका था। लेकिन इस बार उसे पहली बार इतना बड़ा टारगेट मिला था, जिसमें वह एयरपोर्ट पर कस्टम अधिकारियों के शिकंजे में आ गया।
तस्करी की सूचना पर हुई कार्रवाई
जयपुर कस्टम अधिकारियों को शारजाह से आने वाली फ्लाइट में सोने की तस्करी की गुप्त सूचना मिली थी। जानकारी के अनुसार, राजस्थान के ही एक व्यक्ति द्वारा यह तस्करी की जा रही थी।
कैसे पकड़ा गया तस्कर?
जैसे ही यात्री एयरपोर्ट पर उतरा, कस्टम टीम ने उसकी गतिविधियों पर नजर रखी और उसे संदिग्ध पाते ही रोक लिया।
यात्री के सामान की बारीकी से जांच की गई, लेकिन उसमें सोने का कोई निशान नहीं मिला।
जब यात्री की व्यक्तिगत तलाशी ली गई तो अंडर गारमेंट में छुपाया गया सोना बरामद हुआ।
सोने को पेस्ट के रूप में तैयार कर प्राइवेट पार्ट के पास छुपाया गया था।
पूछताछ में युवक ने स्वीकार किया कि वह शेखावाटी क्षेत्र का रहने वाला है और एयरपोर्ट के बाहर किसी को सोना सप्लाई करने की योजना थी।
पहली बार मिला था इतना बड़ा असाइनमेंट
तस्कर ने कस्टम अधिकारियों को बताया कि वह पहले भी कई बार छोटे स्तर पर सोने की तस्करी कर चुका है। लेकिन यह पहली बार था जब उसे साढ़े तीन किलो सोना लाने का बड़ा असाइनमेंट मिला था।
यह घटना राजस्थान में सोना तस्करी के बढ़ते नेटवर्क को उजागर करती है, जहां खाड़ी देशों से अवैध तरीके से सोना लाकर स्थानीय बाजारों में सप्लाई किया जाता है।
पिछले मामलों की कड़ी: सोना तस्करी का नेटवर्क
यह पहली बार नहीं है जब जयपुर एयरपोर्ट पर सोने की तस्करी का मामला सामने आया हो।
- मुनियाद अली का मामला:
तीन महीने पहले कस्टम अधिकारियों ने कुख्यात तस्कर मुनियाद अली को गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी इंटरपोल और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की मदद से की गई थी। मुनियाद अली ने खाड़ी देशों से भारत में सोने की तस्करी का एक बड़ा नेटवर्क खड़ा किया था।- अक्टूबर में तस्करी का मामला:
अक्टूबर 2023 में अबूधाबी से आए एक यात्री के रेक्टम से 1 किलो वजनी सोने के 3 टुकड़े निकाले गए थे। इनकी कीमत 90 लाख रुपए से ज्यादा थी। डॉक्टर्स ने 2 दिन तक चले ऑपरेशन के बाद सोना रिकवर किया था।
सोना तस्करी के अनोखे तरीके
सोने की तस्करी में तस्कर हर बार नए-नए तरीके अपनाते हैं ताकि एयरपोर्ट अधिकारियों को चकमा दिया जा सके।
- गोल्ड का रंग बदलना:
तस्कर सोने के प्राकृतिक सुनहरे रंग को केमिकल के जरिए व्हाइट या पिंक में बदल देते हैं। ऐसा करने से सोने की पहचान करना मुश्किल हो जाता है।- गोल्ड पेस्ट बनाना:
तस्करी के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका गोल्ड को लिक्विड पेस्ट में बदलना है।
- पेस्ट की तरह गोल्ड को किसी भी सामान में आसानी से छुपाया जा सकता है।
- महिलाओं द्वारा इसे नेल पॉलिश की बोतल में भरकर भी लाया जाता है।
- पुरुष तस्कर अक्सर इसे अंडर गारमेंट या प्राइवेट पार्ट के पास छुपाते हैं।
- रेक्टम में छुपाना:
सोने को छोटे-छोटे टुकड़ों में बनाकर तस्कर इसे शरीर के भीतर छुपाते हैं। यह तरीका बेहद खतरनाक और जानलेवा हो सकता है।
सोना तस्करी का कारण: भारत में सोने की मांग
भारत में सोना सदियों से धन और समृद्धि का प्रतीक रहा है। त्योहारों, शादियों और निवेश के लिए सोने की भारी मांग रहती है।
खाड़ी देशों में सोने पर आयात शुल्क और टैक्स बहुत कम होते हैं, जबकि भारत में इनकी दरें काफी ज्यादा होती हैं।
इस अंतर के चलते तस्कर सोने की तस्करी कर इसे बाजार में बेचकर मुनाफा कमाते हैं।
तस्करी पर बढ़ती सख्ती
भारत सरकार और कस्टम विभाग सोने की तस्करी रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं:
एयरपोर्ट पर स्कैनिंग तकनीक में सुधार किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
सोना तस्करी के मामलों में NIA और इंटरपोल जैसे एजेंसियों की मदद ली जा रही है।